Thursday, 18 June 2020

बहन की गुलाबी चूत के साथ मेरी सुबह रंगीन और रात गुलाबी हो हुई

दोस्तों, आप सभी कहानी प्रेमियों का स्वागत करता है. मैं बब्लू कैराना, उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ. अभी कुछ दिन पहले ये जगह मीडिया में भी आई थी. खैर हमे क्या करना है. दोस्तों, मैं आज आपको अपनी रंगीन सुबह के बारे में बताता हूँ. मेरी कहानी जानकार सभी जवान लड़कों के लंड खड़े हो जाएँगे और उनमे से रस निकलने लगेगा. तो कहानी शुरू करते है.

उस रात को मैं और मेरी बहन बहुत देर में सोये थे. हमारे स्कूल का १५ दिन का विंटर वूकेशन हो गया था. कोहरा बहुत पढ़ रहा था इसलिए हमारे कैराना के डीएम ने १५ दिन की छुट्टी कर दी थी. अब हम भाई बहन बेफिक्रे की जिंदगी जीते थे. देर रात तक हम साथ टीवी देखते थे फिर सोते थे, सुबह हम दोनों देर से उठते थे. ऐसा ही एक रात हुआ. हम दोनों रात में २ बजे टीवी देखकर सोए थे. वो इंग्लिश की होरर पिक्चर थी जो बहुत डरावनी थी. फिल्म का बैकग्रौंड साउंड तो बहुत ही डरावना था. इसलिए मेरी बहन सोनिया मुझसे चिपककर ही सोयी थी. सुबह मेरी आँख कोई ११ बजे खुली. सूरज अब निकल आया था. कांच की खिड़कियों से सुबह के सूरज की पीली पीली रोशनी छन कर मेरे कमरे में आ रही थी.

बड़ी रोमांटिक सुबह थी. मन में बड़े अच्छे अच्छे ख्याल आ रहें थे. बड़े सुंदर सुंदर ख्याल आ रहें थे. दिल शायराना हो रहा था. गाने सुनने का मन कर रहा था. मैंने देख मेरी बहन सोनिया अभी भी सो रही है. मैं उठा और बाथरूम करने गया तो देखा मम्मी ने फ्रिज पर एक नोट चिपका दिया था. ‘नाश्ता तैयार है. पर मंजन करके ही खाना. मैं और पापा ऑफिस जा रहे है’ मैं मम्मी का नोट पढ़ लिया. बाथरूम कर ली, आँखें मीन्जता हुआ आया और फिर अपनी बहन के पास रजाई हटाकर लेटने लगा. सोनिया दूसरी तरफ करवट करके घोड़े बेच कर सो रही थी. सोनिया अब बच्ची नही रह गयी थी, अब वो जवान होने वाली थी कुछ ही सालों में. पर उसकी भीनी भीनी चूत की खुशबू मुझको आने लगी थी. वो अभी १४ साल की थी, इसलिए वो मेरी तरह लोवर और टी शर्ट पहन कर सोती थी. मैं भी यही पहन के सोता था. मेरी मम्मी अभी उसके लिए नाइटी नही लायी थी. जैसे ही दोबारा लेटने के लिए मैंने मखमली रजाई हटाई सोनिया का मस्त गदराया हुआ पिछवाडा मुझे दिख गया. रात में उसका ढीला लोवर नीचे सरक गया था.

सोनिया की चटक आसमानी रंग की तिकोनी पैंटी देखकर तो मेरा ईमान ही डोल गया. मन हुआ तो अभी इसी वक्त सब कुछ भूल कर अपनी जवान होती बहन को चोद लूँ, पर मैंने खुद को कंट्रोल कर लिया. मैंने अपना हाथ सोनिया के मुआलायम बड़े गोरे गोरे मक्खन से चिकने पिछवाड़े पर रख दिए. लगा जैसे जन्नत मिल गयी. मैंने खूब देर तक उसका पिछवाड़े को हल्का हल्का आराम से सहलाया. ‘मेरी बहन की चूत कितनी गुलाबी और कितनी मीठी होगी, ये तो खुदा ही जानता होगा. काश मुझे सोनिया की चूत भोगने को मिल जाती, मैं तो गंगा नहा लेता’ मैंने धीरे धीरे कहा. सोनिया सोती रही. मैंने झुककर उसके पिछवाड़े और गोल गोल चूतडों पर चुम्मी दे दी. फिर उस से सटकर लेट गया और सो गया.

सपने में देख की सोनिया से प्यार कर रहा हूँ. सोनिया मीर बांहों में आ गयी है. दोस्तों, बड़ा मीठा सपना था वो. कोई १२ बजे मेरी आँख खुली. जब देखा तो मेरे आश्चर्य का कोई ठिकाना ना था. सोनिया मेरा लंड चूस रही थी. हाँ दोस्तों आपको यकींन नही होगा पर यही सच है. पुरे घर में सन्नाटा था. हम दोनों अकेले थे और मेरी जवान होती बहन मेरा मोटा सा लंड चूस रही थी. मैंने ये देखा तो तुरंत आँखें मूंद ली. मैं नहीं चाहता था की सोनिया चूसना बंद कर दे. अगर मैं जग जाता तो सायद वो शर्म के कारण लंड चूसना बंद कर देती. और दूर हट जाती. मैंने आँखें सब कुछ जानते हुए भी बंद करे रखी. सोनिया, मेरी मस्त जवान चुदासी बहन जोर जोर से अपना पूरा सिर हिलाकर जल्दी जल्दी मेरा मोटा लंड चूस रही थी. मेरी चड्ढी को उसने नीचे सरका दिया था. दोस्तों, मुझे अपनी किस्मत पर गर्व हो रहा था. उपर वाले से मैंने जो चीज मांगी वो उसने मुझको दे दी थी. सोनिया के लम्बे लम्बे बाल खुलकर उनके गोरे गोरे कंधों पर झूल रहें थे. वो कामुकता और काम की साक्छात देवी लग रही थी. उसकी ढीली ढीली टी शर्ट में उसके नए नए तिकोने मम्मे देख कर मेरा दिल हुआ की अभी पटक कर अपनी बहन को अपने इसी बिस्तर पर चोद लूँ. बाद में जो होगा देखा जाएगा.

कुछ देर बाद मुझे अपनी आँख खोलनी ही पडी दोस्तों. क्यूंकि मेरा माल निकलने वाला था. सोनिया से कोई आधे घंटे मेरा मोटा मोम्बत्ते सा लंड चूसा था. वो रुक ही नही रही थी. मैं जान गया था वो फुल चुदाई के मूड में है. ना चाहते हुए मुझे अपनी आँखे खोलनी पड़ी. सोनिया पीछे इकदम से हट गयी. सायद वो डर गयी थी.

भैया भैया! वो मैं ?? मैं ??’ वो हकलाने लगी.

मैंने सोनिया को पकड़ लिया और अपने मुलायम बिस्तर पर पटक दिया. ‘कोई बात नही बहन!! कोई बात नही. ऐसा अक्सर हो जाता है’ मैंने कहा और सीधा सोनिया के उपर मैं लेट गया. उसके मुलायम मुलायम कुवारे होठ मैं पीने लगा. उसकी लाली चुराने लगा. सोनिया तो पहले से ही चुदवाने के फुल मूड में थी. दोस्तों, जब आज मैंने अपनी जवान होती कच्ची कलि जैसे मस्त माल बहन के होंठ पिए तो लगा की वाकई में जिंदगी कितनी खूबसूरत है. सोनिया ने अपने हाथ मेरे गले में गोल गोल लपेट दिए. हम दोनों में अब कोई बात नही हो रही थी. क्यूंकि बातों की अब कोई गुन्जायिश नही थी. नरम लचीले बहन वाली दुबली माल अपनी बहन सोनिया को चोदने में आज कितना मजा आएगा ये सोच कर ही मेरा दिल बल्लियों उछलने लगा. मेरा सिर और चेहरा सोनिया के सिर से काफी बड़ा था. उसका सिर और चेहरा मुझसे काफी छोटा था. मैंने उसके दोनों गालों पर अपने हाथ रख दिए और अपनी सगी लेकिन चुदासी बहन के मुलायम होंठ पीने लगा. कुछ मिनट में ही गरम हो गयी. मैंने आव देखा ना ताव. उसकी टी शर्ट उतरने लगा तो उसने हाथ खुद ही उपर कर दिए.

जिससे उसकी ढीली टी शर्ट आराम से निकल जाए. मैंने टी शर्ट निकाल दी. फिर सोनिया की सफ़ेद ब्रा दिखी तो मैंने वो भी निकाल दी. उफ्फ्फ्फ़ !! हाय !! मेरी बहन इतनी सुंदर और बला की खूबसूरत माल है आज मुझे ज्ञात हुआ. बाप रे बाप !! ये तो बिजली ही गिरा रही है. मैंने अपनी जवान चुदासी बहन की खूबसूरती कुछ देर तक निहारी. उसकी सुंदरता को मैंने अपनी आँखों में कैद किया कुछ देर. सोनिया के कबूतर मुझे ढीली ढीली शर्ट और टी शर्त में बड़े छोटे दिखते वो असलियत में खूब बड़े बड़े थे. दोस्तों, मेरी तो आज लोटरी ही निकल गयी थी. मेरी जवान और चुदाई और लंड की प्यासी बहन के मम्मे तो सोने से भी जादा सुंदर और कीमती निकले. मैं तो पगला गया था. मैंने उसके मम्मे पर रख रख दिया. मेरी छुअन से उसे कुछ कुछ होने लगा. मैंने अपना हाथ उसके मलाई के गोले पर रखा दिया. वो सिहर गयी. मेरा हाथ उसके बड़े बड़े ३६ साइज के मम्मो पर इधर उधर डोलने लगा, सोनिया मस्त हो गयी. मेरे हाथ से उसके साइज का जायजा मम्मो को हाथ में भरकर लिया. लगा की मंदिर का प्रसाद सीधा मेरा हाथ में आ गया हो.

मेरा तो लंड ही रिसने लगा दोस्तों. मेरा लंड चूने लगा, उसका पानी बहने लगा. आखिर मेरा लंड उसके मम्मे के जायजा लेते लेते उसके उपरी भाग कर उसके चूचकों पर आ गए. बड़े बड़े काले घेरे को देखकर मन मोह लगा और फिर मेरी उँगलियाँ मम्मे को नुकीली भुंडियों को सहलाने लगी. सोनिया को कुछ कुछ होने लगा. मैं उसके मम्मो पर झुक गया और पीने लगा. सोनिया ने अपने मुलायम पतले पतले हाथ मेरे गले में डाल दिए. मैं उसके दूध पीने लगा. फिर दूसरे मम्मे को मुंह में भर लिया मैंने. खूब पिया दोस्तों, अपनी जवान चुदासी और लंड की प्यासी बहन के दूध को मैंने खूब पिया. फिर उसके मुलायम पेट को चूमने लगा. धीरे धीरे मैं उसकी नाभि में पर आ गया और मैंने उसकी नाभि चूम ली. अब तो मुझे अपनी बहन की चूत किसी भी कीमत पर चाहिए थी.

मैंने उसका लोवर निकाल दिया. उसकी चटक आसमानी पैंटी देख के मन ललचा गया. आखिर मैंने वो भी निकाल दी. सोनिया को मैंने मुलायम रजाई पर ही पटक लिया था इसलिए बड़ा मुलायम मुलायम लग रहा था. सोनिया की चूत पर एक भी बाल नही था. मैं बहुत खुश हुआ. मेरी चुदासी बहन अभी पूरी तरह से नही खिली थी, क्यूंकि उसकी चूत पर अभी झांटे नही आई थी. पर मैं आज उसको चोद चोद कर उसकी चूत की कमल की तरह खिला दूँगा. मैंने मन ही मन सोच लिया. सोनिया की चूत बड़ी प्यारी, बडी मनमोहक थी. दिल खुश हो गया दोस्तों. मैं झुककर उसकी चूत पीने लगा. जिंदगी का मजा आ गया था दोस्तों. कितनी मासूम कितनी प्यारी चूत थी. पर आज मैं इस चूत पर खूब मेहनत करूँगा. मैंने सोच लिया.

दोस्तों, मैंने जादा वक्त बर्बाद करना सही नही समझा. कुछ देर मैंने सोनिया की चूत पी. फिर अपने हाथ में थोडा सा थूक लिया और लंड के सुपाडे पर मल लिया. फिर अपने हाथ से लंड को साधते हुए सोनिया के चूत पर रख दिया. उसकी चूत के दोनों मुलायम मखमली होंठ किनारे किनारे सरक गए. मैंने पुश किया और मेरा लंड १ इंच उसकी चूत में धस गया. मुझे बड़ी खुसी हुई. जरा खून उसकी चूत से बहने लगा. मैंने एक धक्का और दिया. मेरा ७ ८ इंच लम्बा लंड मेरी बहन की गुलाबी गुलाबी चूत में धंस गया. सोनिया के दोनों पतले पतले नाजुक हाथ मैंने कसके के पकड़ लिए. उसे दर्द होने लगा. मैंने कोई परवाह नही की. मैं उसको चोदने लगा. सोनिया आह ऊईईई माँ माँ मम्मी मम्मी चिल्लाने लगी

चुप बहनचोद !! चुप !! मैंने उसको जोर से डपट लगाई.

वो डर गयी. मैं उसको चोदने लगा. कुछ देर बाद उसका दर्द समाप्त हो गया. वो मजे से टांग फैला फैला कर चुदवाने लगी. उसके बाल उसके चेहरे पर बिखर गए. उसकी आँखें बंद थी. मैंने उसके हाथ अब छोड़ दिए. अब वो बिना कोई नाटक किये चुदवाने लगी. उसके काले काले लम्बे लम्बे बालों का सौंदर्य मेरे मन में में बस गया. अपनी चुदती हुई सगी बहन का सौंदर्य मेरे दिल में बस गया दोस्तों. मैं सोच लिया की आज अपनी जवान चुदासी बहन की चूत पर खूब मेहनत मैं करूँगा. उसको इतना चोदूंगा की वो हर सुबह मेरे लंड मांगे और कहे की भैया प्लीस मुझको अपना लंड खिला दो. ये सोचकर मैं अपनी बहन की चूत पर खूब मेहनत करने लगा. धकाधक उसको चोदने लगा.

पट पट के शोर से पूरा कमरा गूंजने लगा. ये पट पट की आवाज मेरी मेहनत की ही आवाज थी. मेरा मोटा गन्ने जैसा मोटा लौड़ा जोर जोर से बहन की चूत को कूट रहा था. मेरा मोटा लंड और मेरी गोलियाँ जोर जोर से सोनिया के भोसड़े से टकरा रही थी. ये वही आवाज थी दोस्तों. मैं मन में ठान लिया था की कम से २ घंटे तो बहन को चोदूंगा. कम से कम २ घंटे तो मुझे बहन की चूत पर मेहनत करनी ही है. सोनिया के दोनों मस्त गोल गोल मम्मो को हाथ से ऐठते और दबाते हुए मैं उसकी चूत कूटने लगा. सोनिया मस्ती में उछलने लगी. मेरी रजाई बहुत ही मुलायम और मुख्मली थी. इसी पर मैंने सोनिया को लिटा रखा था. मुलायम रजाई में सोनिया को चोदने का मजा ही कुछ और था. दोगुना मजा मुझको मिल रहा था . अभी अभी कुंवारेपन को खो चुकी मेरी बहन की चूत बड़ी कसी कसी थी. मेरा मोटा लंड पूरा उसकी बुर में कसा हुआ था, पर मेरी मेहनत से ही ये सम्भव हो पाया था की मैं पट पट करके उसको पेल रहा था. २० मिनट बीते तो लगा की माल निकला जाएगा. मैंने तुरंत लंड बाहर निकाल दिया. लंड थोडा ठंडा पड़ गया. फिर कोई ५ ७ मिनट बाद मैंने फिर से लंड उसकी बुर में डाल दिया और अपनी सगी जवान चुदासी बहन को चोदने लगा. इसी विधि से मैंने सोनिया को पुरे २ घंटे चोदा दोस्तों. अब मेरी बहन हर रोज सुबह सुबह मुझसे लंड मांगती है. वो साफ साफ अब कहती है की ‘प्लीस भैया मुझे एक बार चोद दो, प्लीस भैया मुझको एक बार अपना लंड खिला दो !! प्लीस प्लीस भैया!!


Main aur Meri Ma Diwali ke Din

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अपनी ही माँ को रखैल बनाया मेरे बेटे ने : एक पारिवारिक सेक्स स्टोरी

A family sex story : हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुरेश है और मेरी बीवी का नाम कविता है. उसकी लम्बाई 5.5 और 36-32-36 फिगर है. उसकी उम्र 37 साल है और वो दिखाने में एकदम गोरी चिट्टी है. में मुंबई का रहने वाला हूँ और हमारे दो बच्चे है, लेकिन उस में से एक ही हमारे साथ रहता है और दूसरा मेरी साली के पास रहता है. मेरा बड़ा बेटा विनोद 19 साल का है और एक बड़े कॉलेज में पढ़ता है. दोस्तों मेरी बीवी अभी भी दिखने में बड़ी ही सेक्सी है, उसका रंग गोरा, बाल लंबे और बहुत काले है. वो ज्यादातर समय साड़ी पहनती है और वो हमेशा आधी बाँह का ब्लाउज और साड़ी को नाभि से 3 इंच नीचे बांधती है क्योंकि उसे उसकी नाभि लोगों को दिखना बहुत अच्छा लगता है और मुझे भी. दोस्तों इस कहानी का असली हीरो मेरा बेटा है जिसने अपनी मम्मी को अपने दोस्त मुकेश के डैड (रोहित) से चुदवाया और यह चुदाई हमारे सामने ही हुई. मुझे उस पर नाज़ है कि उसने हम सबको यह करने के लिए समझाया और बहुत मज़ा दिया. तो रोहित ने मेरी बीवीकविता को मेरे और मेरे घर वालों के सामने नंगी करके जमकर चोदा और हम उसकी इस चुदाई के मज़ा ले रहे थे.

तो एक दिन विनोद ने एक सपना देखा जिसमे उसकी मम्मीकविता को उसके दोस्त के डैड चोद रहे थे और उसके डैड और बाकी घर वाले मज़ा ले रहे थे औरकविता की बहुत जमकर चुदाई हुई और तभी उसकी नींद खुल गई. तो उसने महसूस किया कि उसका लौड़ा एकदम टाईट था और पूरा बदन पसीने से लथपथ था. उसने अपने लौड़ा को हाथ में पकड़ा और अपनी मम्मी के नाम से मुठ मारी और सो गया और सुबह उठकर वो अपने कॉलेज चला गया. तो उसने यह बात उसके कॉलेज के दोस्त को बताई. विनोद ने अपने दोस्त मुकेश से कहा कि यार मुकेश कल रात को मैंने एक सपना देखा, तो मुकेश ने पूछा कि अच्छा बता उसमे तूने ऐसा क्या देखा? तो उसने कहा कि मेरे समझ में नहीं आता कि तुम्हे कैसे बताऊँ? तो मुकेश बोला कि बिना झिझक बताओ, फिर विनोद बोला कि यार कल मैंने एक सपना देखा जिसमे मेरी मम्मी को तेरे डैड चोद रहे थे और मेरा बाप खड़ा खड़ा देख रहा था और मज़े ले रहा था. इतना ही नहीं मेरे दादा, दादी भी मज़े ले रहे थे.

तो मुकेश बोला कि क्या यह चुदाई तुम्हारे घर में हो रही थी? और तुम्हारी मम्मी ने सफेद कलर की पेंटी पहनी हुई थी? जिसे मेरे डैड ने तेरे डैड को उतारने को कहा था. तो विनोद झटसे बोला कि हाँ यार, लेकिन यह सब तुझे कैसे पता? तो मुकेश बोला कि दोस्त तुमने और मैंने कल रात शायद एक ही सपना देखा है और मैंने तो यह सपना सुबह देखा और फिर विनोद बोला कि हाँ मैंने भी. तो मुकेश बोला कि मुझे तो लगता है कि यही भगवान की भी मर्ज़ी है तो विनोद बोला कि भगवान की मर्जी हो या ना हो, लेकिन में अब अपनी मम्मी को तुम्हारे बाप से चुदवाकर ही रहूँगा. तो मुकेश बोला कि लेकिन यह सब कैसे होगा? मेरा बाप काला तवा और तेरी मम्मी गोरी सुंदर. वो मेरे बाप से क्यों चुदवाएगी और फिर तुम्हारे डैड का क्या? तो विनोद बोला कि तू चिंता मत कर, में एक प्लान बनाता हूँ तू सिर्फ़ वैसा कर. तो मुकेश बोला कि में तेरी मम्मी को मेरे बाप से चुदवाने के लिए कुछ भी करूँगा, लेकिन यार अगर तुम्हारी मम्मी ने चुदवाने से इनकार किया तो? विनोद बोला तो हम उसका अपहरण करके चुदवाएँगे और फिर सिर्फ़ चुदाई ही नहीं बल्कि रेप होगा और वो भी दस लोगों से और तू फ़िक्र मत कर तेरे बाप का काला काला लौड़ा मेरी मम्मी की गुलाबी चूत में जरुर घुसेगा और चल अब में प्लान समझाता हूँ और उसने पूरा प्लान मुकेश को समझाया. मुकेश अपने घर पर रहता था और उसकी मम्मी के गुजरने के बाद उसके डैड ने दूसरी शादी नहीं की थी, इसलिए उन्हे जब कभी सेक्स की इच्छा होती तो वो मुठ मारते थे. तो एक दिन उन्हे मुठ मारते हुए मुकेश ने रंगे हाथ पकड़ लिया और फिर रोहित बहुत शर्मिंदा महसूस करने लगा. तो मुकेश बोला कि क्या डैड आप कितने दिन तक मुठ मारोगे? तो रोहित बोला कि मुझे माफ़ करना बेटा, लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ.

मुकेश : तो डैड कोई लड़की या औरत को पटाईये.

रोहित : अब इस उम्र में मुझसे कौन पटेगी? में अब 47 साल का हूँ और दिखाने में काला और गंजा हूँ.

मुकेश : डैड मेरे एक दोस्त की मम्मी है आप कहे तो में बात आगे चलाऊँ?

रोहित : लेकिन क्या तेरे दोस्त और उसके डैड कुछ नहीं कहेंगे? उन्हे पता चला तो और वो भी क्यों तैयार होगी?

तो मुकेश ने डैड कोकविता की फोटो दिखाई, उस तस्वीर मेंकविता ने नीले कलर की साडी पहनी हुई थी और उसका गोरा पेट और पेट गहरी पर नाभि दिखाई दे रही थी. फिरकविता को देखकर रोहित की खुश हो गया और रोहित बोला कि बेटा, लेकिन इतनी सुंदर औरत मुझसे चुदवाएगी क्या तुम बेवकूफ़ हो? तो मुकेश बोला कि लेकिन डैड यह आइडिया मेरे दोस्त विनोद का ही है, रोहित एकदम चौंक गया, क्या? हाँ डैड और मुकेश ने कहा कि यह आइडिया उसी का है और फिर मुकेश ने रोहित को पूरी बात बता दी. तो रोहित बोला कि ठीक है में तैयार हूँ, फिर मुकेश ने कहा कि ठीक है, में विनोद को अभी बुलाता हूँ, आप उससे बात कर लीजिए, वो अपने साथ मेंकविता के और भी फोटो लाएगा तो आप ठीक तरह से उसे देख लीजिए. फिर मुकेश ने विनोद को फोन करके घर पर बुला लिया और विनोद आ गया. उसने अभी तक रोहित को इतनी ठीक तरह से कभी नहीं देखा था. रोहित 6 फिट उँचा काला, टकला और एक भद्दा आदमी था, लेकिनकविता को ऐसे ही आदमी से चुदते हुए देखने में मज़ा था.

तो रोहित ने विनोद से पूछा कि बेटे तुम अपनी मम्मी को मुझसे क्यों चुदवाना चाहते हो? विनोद ने कहा कि अंकल मुझे सिर्फ़ मेरी मम्मी को चुदवाना है, लेकिन क्यों यह पता नहीं? और मेरी मम्मी जैसी सेक्सी रांड को आप जैसा सांड ही चाहिए. तो रोहित हंस पड़ा और वो बोला कि ठीक है बेटा में तुम्हारी मम्मी को चोदने को तैयार हूँ, लेकिन क्या वो तैयार है? और हम तुम्हारे बाप का क्या करेंगे? तो विनोद बोला कि आप मेरे बाप की चिंता मत कीजिए वो मान जाएगा. फिर रोहित बोला कि लेकिन बेटा मैंने तुम्हारी मम्मी को चोदा तो उसके आगे क्या? उसके बाद और क्या होगा? तो विनोद बोला कि फिर मेरी मम्मी आपकी रांड बनेगी और आप उसे हमेशा चोदना. में मेरी मम्मी को पूरी तरह से आपके हवाले करूँगा और फिर आप जो चाहे वो करना उसके साथ और आप चाहे तो उसे भरे बाज़ार में नंगी करो तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं और उसके जैसी छिनाल आईटम को आप जैसा मर्द ही चाहिए. फिर रोहित ने कहा कि ठीक है अब मुझे दिखाओ मेरी चिकनी चमेली के फोटो. तो मुकेश और विनोद दोनों हंसने लगे, विनोद ने कहा कि अंकल यह हुई ना मर्दो वाली बात. तो रोहित ने कहा कि बेटे विनोद जब में तुम्हारी मम्मी कविता की गांड मेरे लौड़ा से चोदूंगा तो वो होगी मर्दो वाली बात और फिर सब हंसने लगे. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है

फिर विनोद ने कहा कि अंकल मेरी मम्मी की गांड आपके लौड़ा की राह देख रही है और फटने को बेकरार है, अंकल आपका काला मोटा ताज़ा लौड़ा मेरी मम्मी की गांड चीर देगा तो बड़ा मज़ा आएगा. तो रोहित बोला कि ठीक है विनोद दिखा दे मुझे मेरी चिकनीकविता के फोटो. फिर विनोद ने रोहित कोकविता के फोटो दिखाए, रोहित ने कहा कि में अपना लौड़ा बाहर निकाल कर फोटो देखूँगा.कविता का पहला फोटो देखकर रोहित बोला किकविता डार्लिंग तुम इतने दिन से कहाँ थी? रोहित हर फोटो पर कॉमेंट कर रहा था और दोनों हंस रहे थे.कविता ने एक फोटो में जीन्स पहनी हुई थी उसे देखकर रोहित बोला कि देख मुकेश बेटा इस छिनाल ने क्या टाईट जीन्स पहनी है? साली की गांड तो गोल गोल है, मस्त मज़ा आएगा इस कुतिया की गांड मारने में. विनोद बेटा क्या इस छिनाल की गांड तुम्हारे हरामी बाप ने मारी है? तो विनोद बोला कि अंकल इस छिनाल की गांड अभी भी कुंवारी है. मुकेश बोला कि तो इस गांड को फाड़ने में बहुत मज़ा आएगा. तो विनोद बोला कि प्लीज तुम दोनों बाप बेटे इसकी गांड जरुर फाड़ दीजिएगा.

फिर सभी फोटो देखने के बाद रोहित बोला कि बेटे विनोद तुम्हारा बाप बहुत कमीना है जो ऐसे सेक्स बम को अकेला चोदा. तो विनोद ने कहा कि रोहित अंकल अब में मेरी मम्मी को पूरी तरह से आपके कब्जे में दे दूँगा. तुम मेरे बाप को इसे हाथ भी मत लगाने देना. तो रोहित बोला कि ठीक है बेटे, मुझे तुम पर पूरा विश्वास है तुम मेरीकविता मुझे जरुर दिला दोगे, विनोद बोला कि ठीक है अंकल. में अब चलता हूँ मुझे मेरे डैड को भी समझाना है और फिर विनोद वहां से चला गया और विनोद घर पर आकर अपने डैड को समझा रहा था, लेकिन उसका बाप सुरेश मान नहीं रहा था. आख़िरकार सुरेश मान गया और विनोद से बोला ठीक है बेटा मेंकविता की चुदाई उस रोहित से करवाने को तैयार हूँ और उसके बाद मेंकविता को उसके हवाले करने को भी तैयार हूँ, मुझे भी बहुत बार ऐसा ही लगता था कि तुम्हारी मम्मी को दूसरा कोई आदमी चोदे. तुम उसे घर पर बुला लो वो इस बहाने से उसे देखेगा. तो विनोद ने मुकेश को फोन किया और कहा कि मुकेश तुम अपने बाप को लेकर बाज़ार पहुँचो, वहां परकविता गई हुई है तुम उसे नज़र मत आना सिर्फ़ रोहित अंकल से बोलो कि उसको छेड़े और अपना चेहरा उसे दिखाओ. फिर सुरेश ने बोला कि मुझे उस आदमी की तस्वीर तो दिखाओ, विनोद ने सुरेश को रोहित की फोटो दिखाई उसे देखने के बाद सुरेश बोला कि यह तो बहुत काला है.

तो रोहित बोला कि काला है, लेकिन दिलवाला है.कविता बहुत अच्छे आदमी की बीवी बनाने वाली है. तो सुरेश बोला कि तो क्याकविता अब उसकी बीवी बनेगी? विनोद बोला कि हाँ अब से सिर्फ़ नाम के लिए आपकी बीवी रहेगी, चुदाई और बाकी के काम वही करेंगे और थोड़ी देर में मुकेश का फ़ोन आया. उसने विनोद से बात की सुरेश ने विनोद से पूछा कि क्या हुआ? तो विनोद ने कहा कि उन्होंने मम्मी को पहले पीछे जाकर गांड पर एक फटका मारा नाभि में उंगली की और गाल पर किस किया. तो सुरेश बोला कि क्या इतने लोगों के सामने? विनोद बोला कि अब तो सिर्फ़ किस किया आने वाले दिनों में रोहित अंकलकविता को उसी माल में पब्लिक के सामने नंगी करेंगे और चोदेगें. सुरेश अब पूरी तरह से समझ गया था और वो अबकविता की चुदाई के सपने देख रहा था. उसकी भी बरसो की इच्छा उसका बेटा विनोद पूरा करने वाला था. विनोद फिर एक बार रोहित से मिलने गया, रोहित विनोद से बोला कि बेटाकविता तो एकदम मक्खन है, धन्यवाद बेटा तुमने मेरी जिंदगी बदल दी. तो विनोद बोला कि अंकल एक और खुश खबरी है. आपके रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा मेरा बाप सुरेश मान गया है और वो आपसे मेरी मम्मी की चुदाई करने को तैयार है और बाद मेंकविता को आपके हवाले करने को भी तैयार हो गया है. तो रोहित एकदम उछल पड़ा और अब स्वर्ग सिर्फ़ उसके हाथ से दो कदम दूर था और रोहित भी अबकविता के साथ चुदाई के सपने देख रहा था और एक दिन सुरेश ने विनोद से कहा कि बेटा मुझे रोहित से मिलना है में भी तो देखूं कि मेरी बीवी को चोदने वाला आदमी कैसा है? तो विनोद बोला कि ठीक है और उसने रोहित से फोन पर बात कर ली और फिर सुरेश विनोद के साथ रोहित के घर पर चला गया. रोहित 6 फिट लंबा, थोड़ा सा मोटा, काला और टकला आदमी था. उसकी उम्र करीब 48 साल थी. तो रोहित ने सुरेश का और विनोद का स्वागत किया, लेकिन बहुत देर तक कोई भी एक दूसरे से बात नहीं कर रहा था और उस रूम में रोहित, सुरेश, विनोद और मुकेश बैठे हुए थे.

उस कमरे की दीवार परकविता की एक तस्वीर लगी हुई थी. उसे देखकर सुरेश ने विनोद से कहा कि यहाँ तो बहुत आग लगी हुई है और तभी सब लोग हंस पड़े और फिर रोहित बोला कि क्या बताऊँ साहब, आपकी बीवी है ही ऐसी चीज़?कविता जैसी सेक्सी औरत से मिलने के लिए नसीब की ज़रूरत होती है और यह तो विनोद बेटे की कृपा है कि वो मुझे मिलने वाली है. तो सुरेश ने कहा कि देखो रोहित मैंने भी मेरी बीवी को बहुत बार चोदा है, लेकिन आज कल मुझे भी उसे चोदने में उतना मज़ा नहीं आता है और अब तुम उसे चोद सकते हो, लेकिन पहले तुम्हे उसे पटाना होगा. तो रोहित बोला कि में तो विनोद बेटा जैसे कहेगा वैसा ही करता जाऊंगा, लेकिन सुरेश जी आपकी बीवीकविता बहुत ही गरम माल है. तो सुरेश बोला कि गरम ही नहीं बल्कि उसकी गांड में भी बहुत खुजली है. रोहित बोला कि आप चिंता मत करो में उसकी गांड की सारी खुजली और मस्ती भी उतार दूँगा और मैंने सुना है कि आपने आपकी बीवी की गांड नहीं मारी है? तो सुरेश ने कहा कि हाँ नहीं मारी, मैंने दो बार ट्राई किया था, लेकिन फिर भी मार नहीं पाया.

तो रोहित बोला कि अच्छा हुआ नहीं मार पाए, मेरे लिए उसकी गांड तो कुँवारी बची है. अब आप देखिए आपकी सेक्सी बीवी की गांड जमकर मारूँगा. तो सुरेश ने कहा कि बिंदास रोहित. फाड़ दे उस छिनाल की गांड. में अपना लौड़ा नहीं घुसा पाया कम से कम तुम्हारे लौड़ा से तो फटने दो मेरी हरामजादी बीवी की गांड को. तो रोहित बोला कि में मेरा लौड़ा भीकविता के मुहं में देने वाला हूँ और मेरा पानी पिलाने वाला हूँ में अभी बता देता हूँ. तो सुरेश बोला कि में मेरी बीवी को आपके हवाले कर रहा हूँ आप जो चाहे उसके साथ करो. उसे उठाकर, लेटाकर, खड़ा करके, उल्टा करके जैसी चाहे जहाँ चाहे और जब चाहे चोद दो और यह बात सुनकर सब हंस पड़े. तो विनोद बोला कि मुझे ऐसे लग रहा है कि में तुम दोनों की बातें सुनता ही रहूँ, मुझे कितना अच्छा लग रहा है. डैड आपको मम्मी के बारे में ऐसी बातें करते हुए मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. फिर सबने जमकर शराब पी और दूसरे दिन का प्लान करके सुरेश और विनोद घर लौट आए. तो दूसरे दिन का पूरा प्लान विनोद ने सबको समझा दिया था और घर पर आने के बाद विनोद ने दादाजी और दादी को भी पूरा प्लान समझा दिया, उन दोनों को भी यह प्लान बहुत पसंद आया. तो दूसरे दिन विनोद नेकविता से कहा कि मम्मी आज मेरा दोस्त मुकेश और उसके डैड आने वाले है,कविता बोली कि ठीक है बेटा लेकिन वो लोग कब आने वाले है? तो विनोद बोला कि वो शाम के 4.00 बजे आने वाले है,कविता बोली कि ठीक है और शाम के ठीक 4.00 बजे मुकेश और रोहित विनोद के घर पर आ गए.कविता किचन में काम कर रही थी. तो सुरेश ने दरवाजा खोला, रोहित और मुकेश अंदर आ गए. रोहित ने सुरेश से धीरे से पूछा कि मेरी चिकनी चमेलीकविता कहाँ है? तो सुरेश ने कहा कि तो अंदर है, वो शायद तुम्हारे लिए कुछ बना रही है. तो रोहित ने कहा कि उसे कहो कि में आज उसे ही खाने आया हूँ और वो दोनों हंस पड़े. मुकेश और रोहित सोफे पर बैठे हुए थे और अंदर सेकविता पानी लेकर बाहर आ गई. उसने सफेद कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसने साड़ी नाभि से 4 इंच नीचे पहनी हुई थी और सफेद कलर का बिना बाँह का ब्लाउज पहना हुआ था. साड़ी का पल्लू ऐसे लिया था कि उसका एक बूब्स और नाभि दिखाई दे और जब कोई मेहमान घर पर आते है तोकविता हमेशा साड़ी कमर से ज़्यादा नीचे पहनती थी ताकि देखने वाले को उसकी सेक्सी नाभी अच्ची तरह से दिखाई दे और उसके होंठो पर हल्की सी गुलाबी लिपस्टिक थी. दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है.

फिर रोहित को देखते हीकविता एकदम चौंक गयी, लेकिन सब लोगों के सामने अपनी परेशानी को उसने जाहिर नहीं किया, उसने मुकेश और रोहित को पानी, चाय, नाश्ता दिया और चली गयी और थोड़ी देर इधर उधर की बातें होने के बाद रोहित ने कहा कि विनोद बेटे तुम्हारी मम्मी को बुलाओ मुझे उनसे कुछ कहना है. तो विनोद नेकविता को बुलाया,कविता बाहर आ गई तो रोहित बोला कि में तुम सब लोगों के सामने एक बात कहना चाहता हूँ, मैंने तुम्हारी मम्मी के साथ मॉल में बत्तमीजी की है, लेकिन में नहीं जानता था कि यह तुम्हारी मम्मी है.कविता जी में आप से माफी मम्मीगना चाहता हूँ. तभी विनोद की दादी बोली कि देखो बहू यह आदमी शरीफ लगता है, इसने तुमसे माफी मम्मीगी है इसे माफ़ कर दो, सुरेश भी बोला कि हाँकविता माफ़ कर दो. तोकविता बोली कि ठीक है रोहित जी और इधर उधर की बातें होने के बाद मुकेश और रोहित जाने को निकले उन्होंने सुरेश के माता, पिता के पैर छुए और सुरेश को बोले कि चलो सुरेश और दोनों गले मिले और विनोद को रोहित ने कहा कि चलो विनोद बेटे. तभीकविता भी बाहर आई. मुकेश बोला कि ठीक है आंटी बाय.कविता बोली कि बाय बेटे आते जाते रहना और रोहित बोला कि अच्छाकविता जी में अब चलता हूँ.

तभी सुरेश बोला कि रोहित तुमकविता कोकविता ही कहो, क्योंकविता? तोकविता बोली कि हाँ क्यों नहीं? तो रोहित बोला कि वैसे तो मेंकविता से दोस्ती करना चाहता हूँ, सुरेश बोला कि क्यों नहींकविता आगे आओ और रोहित से हाथ मिलाओ. तोकविता आगे आ गई और उसने रोहित से हाथ मिला लिया, तभी विनोद बोला कि अंकल आप और मम्मी सच में अब दोस्त हो गये हो तो अब आप दोनों गले क्यों नहीं मिलते? तोकविता शायद रोहित के गले नहीं लगना चाहती थी, लेकिन रोहित ने उसे बाहों में ले लिया और सब लोग हंसने लगे और तुरंत रोहित नेकविता के गाल पर एक किस कर दिया औरकविता शरम से पानी पानी हो गयी. फिर रोहित ने उसे थोड़ी देर उसे वैसे ही पकड़कर रखा. विनोदकविता से बोला कि मम्मी अब आप रोहित अंकल को एक किस करो. तोकविता बोली कि नहीं में ऐसा नहीं करूँगी, लेकिन सबनेकविता से कहा तो उसे रोहित को मजबूरी में किस करना ही पड़ा. रोहित नेकविता के होंठो को चूमा और सुरेश से पूछा कि क्या अब मेंकविता कोकविता डार्लिंग बुला सकता हूँ? तो सुरेश बोला कि मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है. सुरेश के मम्मी, बाप यानीकविता के सास ससुर भी बोले कि हमारी तरफ से भी कोई मना नहीं है और विनोद तो बोला कि मेरी तरफ से रुकावट होने का सवाल ही नहीं आता, मुझे तो बहुत खुशी होगी. फिरकविता बोली कि ठीक है, लेकिन मुझे सोचने का थोड़ा वक्त चाहिए तो रोहित बोला कि ठीक है डार्लिंग तुम्हे हमने टाईम दिया बेबी और उसनेकविता के गालों पर एक और किस कर लिया और उसकी नाभि में भी उंगली की औरकविता तो शरम से पानी पानी हो गयी. फिर दूसरे दिन सुबह ही रोहित, विनोद के घर पर आ गया. सुरेश के पिता नारायण ने दरवाजा खोला तो रोहित को देखकर नारायण ने कहा कि अरे रोहित बेटा सुबह सुबह कैसे आना हुआ? तो रोहित ने कहा कि अरे चाचाजी में यहीं से गुजर रहा था तो मैंने सोचा कि आपके दर्शन करता जाऊँ. फिर नारायण ने कहा कि ठीक है में समझ गया कि तुम किसके दर्शन करने आए हो? तुम तुम्हारी चिकनी चमेलीकविता डार्लिंग के दर्शन करने आए हो ना. रोहित शरमा गया और फिर नारायण ने कहा कि अरे बेटा शरमाना कैसे? आओ अंदर और रोहित अंदर आ गया. तभी सुरेश ने कहा कि वेलकम रोहित जी लगता है आपको रातभर नींद नहीं आई है? आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है

तो रोहित ने कहा कि में क्या बताऊँ रातभर सपने में एक सेक्सी माल आता रहा और वो दोनों हंस पड़े और तभीकविता किचन से बाहर आ गई. उसने आज नीले कलर की टाईट जीन्स और काली कलर का बिना बाँह का टॉप पहना हुआ था और फिरकविता को देखते ही रोहितकविता से लिपट गया औरकविता भी उससे आज खुलकर लिपट गई और वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगे. तो रोहित बोला कि क्या तुम मेरी डार्लिंग बनाने को तैयार हो?कविता बोली कि अगर यहाँ पर किसी को ऐतराज़ नहीं है तो मुझे क्यों ऐतराज़ होगा, फिर रोहित बोला कि तो क्या तुम मेरी बीवी बनोगी? तोकविता बोली कि लेकिन सुरेश का क्या होगा? तो सुरेश बोला कि कुछ नहीं तुम मेरी नाम के लिए बीवी रहोगी, असली बीवी तुम रोहित की ही रहोगी, रोहित कहेगा वो सब तुम करोगी, वो जब चाहे तुम्हे चोदेगा और जब चाहे तुम्हे नंगी करेगा. तोकविता बोली कि ठीक है चलेगा, विनोद बोला कि देख लो मम्मी रोहित अंकल तुम्हे हमारे सामने भी चोद सकते है. तोकविता बोली कि ठीक है बेटा मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, विनोद बोला कि ठीक है रोहित अंकल आपकी बीवी को आप अभी हमारे सामने चोद सकते है. तो रोहित नेकविता को पूरी तरह से नंगा किया और रोहित खुद नंगा हो गया. सुरेश ने कमरे का दरवाजा जानबूझ कर खुला रखा था.

तोकविता बोली कि दरवाजा तो बंद कीजिए, विनोद बोला कि नहीं मम्मी आपकी चुदाई दरवाजा खुला रखकर ही होगी, ताकि अगली बार आपको शरम ना आए और जिस किसी को यह चुदाई देखनी है वो देख ले. तोकविता बोली कि ठीक है और रोहित नेकविता को पहले अपना लौड़ा चूसने को कहा.कविता भी बड़े शौक से लौड़ा चूस रही थी, सब देखकर हंस रहे थे. तो रोहित बोला किकविता मेरी जान क्या मस्त लौड़ा चूसती है तू. रोहित ने सुरेश से पूछा कि क्या इसने कभी आपका लौड़ा चूसा था? तो सुरेश बोला कि नहीं इसने कभी मेरा लौड़ा नहीं चूसा,कविता ने लौड़ा मुहं से बाहर निकाला और बोली कि में सिर्फ़ असली मर्दों के लौड़ा चूसती हूँ और सब हंस पड़े. तो सुरेश के पिता नारायण ने कहा कि बेटा यह छिनाल तुम्हे नामार्द कह रही है. तो सुरेश रोहित को बोला कि रोहित इस छिनाल, रंडी, कुतिया की आज गांड, चूत सब फाड़ दो. रोहित बोला वो तो में आज वैसे भी फाड़ने वाला हूँ,कविता बोली कि में भी मेरी गांड आज फड़वाकर ही रहूंगी और रोहित नेकविता के मुहं में पिचकारी मार दी. तोकविता ने रोहित का सारा वीर्य पी लिया और अब रोहित नेकविता को सोफे पर पेट के बल लेटा दिया और ऊपर से उसकी चूत में अपना ताज़ा, मोटा, काला लौड़ा डाल दिया. दोस्तों जैसे ही लौड़ा अंदर गया वैसेकविता चिल्ला उठी आईईईईईइ में अह्ह्हह्ह्ह्ह मर गइईईईईई मेरी चूत फट गई और सब लोग हंसने लगे. तोकविता की सास बोली कि देख रंडी आज तेरा सामना असली मर्द से हुआ है तुझ जैसी छिनाल औरतों को तो ऐसा ही मर्द चाहिए. तोकविता बोली कि सासू मम्मी आज यह मर्द मुझे पूरी तरह से खाने वाला है औरकविता विनोद से बोली कि धन्यवाद बेटा, मुझे असली मर्द देने के लिये और रोहित अब तेज स्पीड में लौड़ाकविता की चूत के अंदर बाहर कर रहा था औरकविता नीचे तड़प रही थी. दोस्तोंकविता की चूत कितने दिनों से आग में जल रही थी और रोहित का लौड़ा भी कितना तड़प रहा था. रोहितकविता को 20 मिनट तक चोद रहा था. फिर सुरेश बोला कि रोहित ठोक साली रंडी को और ज़ोर से ठोक इसकी चूत में आज अपना पूरा लौड़ा दे और फिर रोहित का दस इंच का लंबा लौड़ाकविता के बच्चेदानी में घुसकर हल्ला मचा रहा था और रोहित नेकविता की चूत में वीर्य गिरा दिया.

तो अबकविता भी शांत हो गयी और रोहित भी शांत हो गया और थोड़ी देर दोनों उसी पोज़िशन में रहे. रोहित ने लौड़ा को बाहर निकाला और देखा किकविता की चूत थोड़ी सी फट गयी थी और अब रोहित नेकविता को डोगी स्टाईल में बैठाया और पीछे से उसकी गांड में लौड़ा डालने को शुरुवात की रोहित का सुपाड़ा गांड के होल में घुसते हीकविता दर्द से चिल्ला उठी. तोकविता बोली कि रोहित प्लीज़ बाहर निकालो, मेरी गांड फट जाएगी तो रोहित बोला कि मेरी छम्मक छल्लो मैंने लौड़ा क्या बाहर निकालने के लिए अंदर डाला है, अब में तुम्हारी गांड फाड़कर ही दम लूँगा. उसने और ज़ोर से लौड़ा गांड के छेद में घुसा दिया. तोकविता की आँखे सफेद हो गई. उसकी आँखो के सामने तारे चमक रहे थे और चेहरा लाल हो गया था और दर्द से उसका बहुत बुरा हाल हो रहा था और फिरकविता बोली कि भगवान के लिए मेरी गांड से लौड़ा बाहर निकालो वरना में मर जाउंगी. तो सुरेश बोला कि रोहित बिल्कुल मत निकालना फटने दो इसकी गांड और मरने दो इसे. फिरकविता की सास बोली कि हाँ रोहित बेटे अब पीछे मत हटो फाड़ दो इसकी गांड,कविता बेटी थोड़ी हिम्मत रखो तुम सबसे बड़ी रंडी बनोगी.

तो रोहित ने कहा कि में भी एसी टाईट गांड थोड़ी छोड़ने वाला हूँ और रोहितकविता की गांड में अंदर बाहर लौड़ा करने लगा,कविता चिल्ला रही थी उईईईईई मम्मी उह्ह्ह्हह्ह मर गई, विनोद बेटे यह हरामखोर तुम्हारी मम्मी की गांड ही फाड़ देगा उईईईईई मम्मी आआअ बड़ा जालिम है और बिना फ़िक्र के रोहितकविता की गांड मार रहा था और उसनेकविता को कहा कि मदारचोद साली कुतिया और उसनेकविता की गांड पर एक ज़ोर का चांटा मार दिया. तोकविता बोली कि अबे साले हरामी मार मत. रोहित बोला कि फिर क्या तेरी पूजा करूं, रंडी चल हिला अपनी गांड और एक ज़ोर का चांटा मार दिया सटाक और सब लोग ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. तोकविता बोली कि मेरी यहाँ पर गांड फट रही है और तुम सब हंस रहे हो. विनोद आगे आकरकविता के बूब्स दबाते हुए बोला तो मम्मी आप अपनी गांड क्यों नहीं हिलाती?कविता बोली कि यह लो हिलाती हूँ और उसने गांड हिलाना शुरू किया और अब सभी और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे. तो रोहित बोला कि देखो विनोद बेटे तुम्हारी मम्मी कैसे रंडी जैसे गांड हिलाती है. हिला मेरी बेबीकविता और ज़ोर से हिला. तो विनोद बोला कि अंकल अबकविता आपकी रंडी है, रोहित बोला कि नहीं बेटा इस हरामजादी को में सच की रंडी बनाऊंगा. सुरेश तूने अब तक यह सेक्सी माल अकेले ने खाया है. अब सारे शहर को इसे चोदने दो. तो सुरेश ने कहा कि रोहित मेरी बीवीकविता अब तुम्हारी गुलाम हो चुकी है तुम इसे जिसे चाहे और जहाँ चाहे चुदवा सकते हो. फाड़ दो साली की गांड और रोहित नेकविता की गांड पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ जड़ दिए. तोकविता बोली कि आप मुझे इतना मार क्यों रहे हो? रोहित बोला कि तो क्या तेरी पूजा करूं? छिनाल कहीं की चल हिला साली तेरी गांड, नहीं तो आज फाड़ दूँगा और रोहित अपना लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था.कविता दर्द से चिल्ला रही थी और सभी हंस रहे थे. दोस्तों यही वो सपना था जो विनोद ने देखा था और आज वो पूरा हो गया था. तभीकविता की गांड से खून आने लगा. रोहित ने फिर भी गांड में धक्के दिए शायदकविता की सील टूट गयी थी और सब लोग तालियां बजा रहे थे. तो रोहित ने लौड़ा बाहर निकाला तोकविता पेट के बल लेट गई, रोहित उसके ऊपर लेट गया. वो दोनों बहुत थक गये थे और आधे घंटे के बाद दोनों की नींद खुली. तोकविता बहुत फ्रेश महसूस कर रही थी और आज वो सुहागन बन गयी थी. रोहित का काम होते ही उसका बेटा मुकेश खड़ा हो गया और उसने भीकविता की जमकर चुदाई की और फिर रोहित और मुकेश बाप बेटे ने मिलकरकविता की चुदाई की, रोहित ने सबकोकविता की गांड दिखाई जो की थोड़ी सी फट गयी थी. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है

फिरकविता ने नहाकर साड़ी पहन ली और सब लोग मंदिर चले गये. वहाँ पर रोहित नेकविता से शादी की, अबकविता सुरेश के साथ रोहित की भी बीवी बन गयी थी. रोहित नेकविता के सामने एक एग्रीमेंट रखा, जिसमे लिखा था किकविता रोहित की बीवी है और रोहित जिसे कहेगा उससे वो चुदाई के लिए तैयार है. तोकविता बोली कि यानी मुझे पूरी रंडी ही बनाना चाहते हो तुम लोग. ठीक है जैसी आप सबकी मर्ज़ी औरकविता ने एग्रीमेंट पर साइन कर दिया औरकविता अब पूरी तरह से रोहित की हो चुकी थी ..

पापा ने अकेली देख मुझे चोदकर अपनी हवस शांत की

Akeli Ladki ki Chudai, Papa Ne Choda, Bap Beti Sex Story : हेल्लो दोस्तों, मैं आयशा आप सभी का  स्टोरी डॉट में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से Sex स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। मेरी मम्मी कुछ दिनों के लिए अपने मायके चली गयी थी। अब सिर्फ मैं और पापा ही घर पर थे। पापा मुझे करीब 4 महीनो से घूर घूर के देख रहे थे। मैं अच्छी तरह से जानती थी पापा अब मुझे कसके चोदना चाहते थे। मेरी कुवारी चूत को कसके बजाना चाहते थे। ये बात साफ़ थी। उस दिन मम्मी चली गयी। रात हो गयी। मुझे शक हो गया था की आज की रात मुझ पर बहुत भारी पढने वाली है। आज ही रात मैं जरुर चुद जाउंगी।

दोस्तों अब मैं चुदने लायक एक जवान लड़की हो चुकी थी। मैं किसी भी मर्द का अब मोटा लंड खाने को तैयार हो गयी थी। कुछ दिनों से अंदर ही अंदर मेरा भी चुदवाने का बड़ा दिल कर रहा था। रात के 10 बजे तो मैं पापा के लिए खाना थाली में लगाकर ले गयी। पापा ने थाली लेकर एक किनारे रख दी और मुझे पकड़ लिया और गोद में बिठा लिया।

“पापा! ये आप क्या कर रहे है???” मैंने कहा
“बेटी!! आज मैं तुमको एक गुप्त विद्या सिखाने जा रहा हूँ। इसे सीखकर तुमको परम आनंद की प्राप्ति होगी। तुमको बहुत मजा मिलेगा” पापा बोले “पापा! क्या नाम है इस विद्या का???” मैंने गभीरतापूर्वक पूछा “बेटी इसे चुदाई की महाविद्या कहा जाता है। आज मैं तुमको ये सिखाऊंगा। तुम खूब ऐश मिलेगी। जो जो मैं कहूँ करती जाना। बस मना मत करना बेटी!!” पापा बोले

दोस्तों मैं 23 साल की जवान माल हो गयी थी। मेरा रंग काफी साफ़ था। मैं बहुत गोरी थी क्यूंकि मेरी मम्मी भी बहुत खूबसूरत थी। मैंने कई बार पापा को मम्मी को चोदते हुए देखा था। इसलिए आज मेरा भी चुदने का मन था। धीरे धीरे पापा ने मुझे गोद में बिठा लिया और किस करने लगे। मुझे गुदगुदी हो रही थी। वो पीछे से मेरे कान, गले, पीठ में चुम्मी ले रहे थे। मुझे अच्छा लग रहा था। गुदगुदी तो बहुत हो रही थी। मैंने एक हल्की टी शर्ट और शॉर्ट्स पहन रखा था। धीरे धीरे पापा के हाथ मेरी टी शर्ट पर यहाँ वहां घुमने थे। आखिर में उन्होंने मेरे बूब्स को हाथ में ले लिया और टी शर्ट के उपर से हल्का हल्का दबाने लगे।

“पापा ये आप…..” मैं कुछ कहने जा रही थी पर पापा ने मुझे रोक दिया “बेटी इस चुदाई की महाविद्या को सीखना है तो प्लीस मुझे टोको मत। जो जो मैं करता हूँ करने दो। लास्ट में मजा ना आए तो तुम कहना” पापा बोले तो मैं मान गयी। मैं चुप थी। पापा के हाथ मेरी 36” की चूचियों को हाथ में लेकर खेल रहे थे। 15 मिनट पर बाद मुझे इस चुदाई की महाविद्या में गहरा इंटरेस्ट आने लगा। मुझे अच्छा लगने लगा। फिर पापा मुझे किस करने लगे। कुछ देर बाद मेरा भी चुदाने का मन करने लगा। फिर पापा ने मुझे नंगी होने का हुक्म दिया। मैंने सब कपड़े निकाल दिए। उधर पापा नंगे हो गये। आज रात मैं कसके चुदने वाली थी। पापा ने मुझे गोद में बिठा लिया बिस्तर पर ही। पापा की कमर में मैं दोनों पैर डालकर बैठ गयी। मेरी सेक्सी पतली 28” की कमर पापा की 40” की कमर से जुड़ गयी। पापा ने मुझे बाहों में भर लिया। दोस्तों आज रात घर में हम दोनों के सिवा कोई नही था। इसलिए पापा मुझे चोदकर आज बेटीचोद बन सकते थे। उन्होंने मुझे बाहों में भर लिया। मैं भी चुदाने के मूड में थी इसलिए मैंने भी पापा को बाहों में कस लिया। फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। हम बिस्तर पर थे। पापा मेरे नंगे जिस्म को नीचे से उपर तक सहला रहे थे।

“ओह्ह आयशा बेटी!! तुम कितनी मस्त माल बन गयी। मैं तो जान ही नही पाया। आज रात मैं तेरी चूत का भोग लगाऊंगा और तुझे सेक्स विद्या का ज्ञान दूंगा” पापा बोले
“पापा….आज मेरा भी आपसे चुदाने का बड़ा मन है। आज रात आप मुझे चोदकर मेरी चूत का रास्ता बना दो” मैंने कहा
फिर हम होठो पर किस करने लगे। मेरे पापा मेरे गुलाबी होठो को पीने लगे। मुझे अच्छा लग रहा था। फिर मैं भी मुंह चला रही थी। हम दोनों एक दूसरे में पिघल रहे थे। मैं पापा के जिस्म को सहला रही थी। पापा भी मेरी नंगे जिस्म पर हाथ घुमा रहे थे। मेरी चूत गीली होने लगी थी। उसके बाद पापा गरमा गये। उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया। पागलों की तरह मुझे यहाँ वहां चूमने लगे। मेरे 36” के बड़े बड़े बूब्स उनके सीने से दब रहे थे। मुझे अच्छा लग रहा था। पापा मेरे नंगे जिस्म की खुस्बू बटोर ले रहे थे। आज रात मैं किसी रंडी की तरह चुदवाना चाहती थी। मैं बेशर्म लड़की बन चुँकि थी। पापा ने झुककर मेरे बाए मम्मे को मुंह में भर लिया और चूसने लगे। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की
आवाज निकालने लगी।

मुझे अजीब सा नशा छा रहा था। आज पहली बार कोई मर्द मेरे बूब्स चूस रहा था। मेरी चूत में खलबली हो रही थी। पापा बार बार मेरे नंगे पुट्ठो को सहला रहे थे। साफ़ था की उनको बेहद मजा मिल रहा था। मेरी पीठ पर बार बार उपर से नीचे वो हाथ सहला रहे थे। धीरे धीरे मेरे जिस्म में वासना और सेक्स की आग लग रही थी। हाँ आज मैं पापा का मोटा लंड खाना चाहती थी। पापा मेरे बाए मम्मे को चूस रहे थे। मुझे ऐश मिल रही थी। फिर पापा मेरी दाई चूची को पीने लगे। मुझे लगा की मेरी चूत से माल निकल आएगा। पापा चूसते ही रहे और 20 मिनट बीत गये। अब मेरी चूचियां कामवासना के नशे से और जादा फूल गयी थी।36” की चूचियां अब 40” की दिख रही थी। मैं मस्त चोदने लायक माल लग रही थी।
“आयशा बेटी….बोल की पापा मेरी चूत आज फाड़ दो” पापा बोले

“पापा ….आज तुम मेरी चूत कसके फाड़ दो” मैंने उसकी लाइन दोहराई “बेटी बोल की मैं रंडी हूँ, आवारा और छिनाल हूँ” पापा ने अगला आर्डर दिया “पापा आज मैं तुम्हारी रंडी हूँ। आवारा और छिनाल हो। जितना मन करे तुम मुझे चोद लो” मैंने कहा
इस तरह हम बाप बेटी गंदी गंदी बाते करने लगे। हमे भरपूर मजा मिलने लगा। पापा सिर्फ मेरी आँखों में झाँक रहे थे। मैं भी सिर्फ उनको ही ताड़ रही थी। हम दोनों एक दूसरे को नजरो ही नजरों में चोद रहे थे। पापा फिर से मेरे होठ चूसने लगे। उनके हाथ अब भी मेरे डबलरोटी जैसी फूले चूतड़ों पर थे। वो सहला रहे थे। फिर पापा ने मुझे हल्का सा उचकाया और मेरी चूत के छेद पर लंड लगा दिया। पापा ने मेरे दोनों पुट्ठो को कसके पकड़कर अंदर ही तरफ दबाया। मेरी चूत की सील टूट गयी। पापा का 10” का लंड अंदर चला गया। पापा मुझे चोदने लगे। मैंने उनको कसके पकड़ लिया। पापा मुझे गोद में बिठाकर चोदने लगे। मेरी आँखों से अंशु की कुछ बूंद निकल गई। मेरे बेटीचोद पापा पी गये। फिर पापा जल्दी जल्दी मुझे चोदने लगे। दोस्तों हम लेटे नही थी। सिर्फ बिस्तर पर हम दोनों बैठो हुए थे। पापा की कमर जल्दी जल्दी मेरी कमर और पेडू से टकराने लगी। मैं चुदने लगी। बाप रे!! 10” के शक्तिशाली लंड को मैं साफ़ साफ अपने पेट में महसूस कर रही थी। पापा धीरे धीरे मुझे हल्का हल्का उछालकर चोद रहे थे। ऐसा लग रहा था मैं साईकिल चला रही हूँ। मुझे अभूतपूर्व मजा मिल रहा था। ऐसे दिव्या चुदाई के महासुख को आज मैंने पहली बार पाया था। मैं किस्मतवाली थी की अपने बाप का मोटा लंड खा रही थी। फिर पापा मुझे जल्दी जल्दी गोद में बिठाकर चोदने लगे। मैं खुद को पापा के हवाले कर दिया।

मेरी चूत से पट पट की आवाज आने लगी। मैं “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की आवाज निकाल रही थी। मेरी सांसे टूट रही थी। मैं गहरी साँस लेने की कोशिस कर रही थी। पापा का मोटा लंड मेरी चूत फाड़ रहा था। मेरी कुवारी चूत से निकला खून बिस्तर की चादर पर लग गया था। पापा फिर मेरे होठ पीने और चूसने लगा और घप घप मुझे चोदने लगे। फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर का स्टैंड बना दिया। खुद थोडा पीछा हो गये और जल्दी जल्दी कमर चला कर मेरी चूत बजाने लगे। मुझे खुद को दोनों हाथों से रोकना पड़ा वरना मैं गिर जाती। मैंने दोनों हाथ पीछे कर दिए और अपने भार को हाथों से रोका। पापा ने भी ऐसा ही किया। वो दूर से मेरी चूत में लम्बे और गहरे शॉट्स मारने लगे। मुझे चुदाई का ब्रह्मसुख मिल रहा था। आज हम बाप बेटी २ जिस्म एक जान हो गये थे। कुछ देर बाद पापा ने फिर से मुझे गोद में भर लिया और हवा में उचका उचकाकर मेरी चुद्दी मारने लगे। मेरी चूत अब रवां हो गयी थी। मैंने अपने हाथ उनके कन्धो पर टिका दिए। पापा ने मुझे 35 मिनट लंड पर बिठाकर सारी दुनिया घुमा दी। फिर मेरी चूत में माल छोड़ दिया। कुछ देर के लिए हम दोनों चिपके रहे। पापा का लंड 10 मिनट तक मेरी चूत में रहा माल निकलने के बाद भी। तब जाकर वो शांत हुआ और छोटा हो गया था। जैसे ही पापा ने लंड मेरी चुद्दी से निकाला उनका मॉल मेरी चुद्दी से निकलने लगा। पापा ने जल्दी से माल हाथ में लिया और मेरे मुंह में डाल दिया।

“पी ले…पी ले मेरी बहादुर बेटी!!” पापा बोले तो मैं सारा माल पी गयी। फिर अब लेट गये थे।
“कहो बेटी कैसी लगी तुमको चुदाई की ये महाविद्या???” पापा ने पूछा “…..सुपरहिट!!” मैंने जवान दिया
फिर हम लेट गये। कुछ देर तक हम प्यार की बाते करते रहे। फिर पापा के उपर मैं चढ़ गयी और उनका लंड चूसने लगी। पहले तो मैंने काफी देर तक पापा का लंड हाथ में लेकर फेटा। धीरे धीरे पापा का लंड खड़ा हो गया। फिर लंड खड़ा हो गया। मैं मुंह में लेकर चूसने लगी। पापा के लंड को मैंने हाथ से पकड़ किया था। और जल्दी जल्दी चूसने लगी। साथ ही मेरे हाथ गोल गोल लौड़े पर घूम रहे थे। पापा मेरे सिर को अंदर हाथ से दबा देते थे जिससे जड़ तक उनका लौड़ा मेरे मुंह में जा सके। दोस्तों आज पहली बार मैं किसी मर्द के खड़े लंड को चूस रही थी। वो बहुत ही जूसी था। मैं जीभ से उसको चाट लेती थी। लंड के मुंह को [छेद पर] मैं जीभ से चाट लेती थी। पापा सिसक उठते थे। वो आराम से बिस्तर पर लेटकर अपना लौड़ा आज अपनी सगी बेटी से चूसा रहे थे। आज पापा बेटीचोद बन चुके थे।

“आयशा बेटी!! और जल्दी जल्दी” पापा से हुक्म दिया
मैं और जल्दी जल्दी अपना मुंह पापा के 10” के लौड़े पर चलाने लगी। मेरे गुलाबी होठ आज पापा के खूब काम आ रहे थे। पापा तो ऐश कर रहे थे। कुछ देर तक ऐसा ही चला। मैंने 18 मिनट उनका लंड चूसा। पापा को भरपूर मजा मिल गया। फिर उन्होंने मुझे सीधा लिटा दिया। मेरी चूत में उन्होंने फिर से लंड डाल दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगे। मेरी 36” की चूचियां बार बार उपर नीचे जाने लगी और डिस्को डांस करने लगी। पापा मेरी चूत का केक अपने लंड रूपी चाक़ू से काट रहे थे। मैं चुद रही थी। पापा ने मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़ रखा था। वो मेरे जिस्म की खूबसूरती को नीचे से उपर तक निहार रहे थे और मुझे पेल रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी…..
ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकाल रही थी। मैं गहरी गहरी सिस्कारियां ले रही थी। मुझे अजीब सी बेचैनी हो रही थी। मेरे चूचियां उपर नीचे जल्दी जल्दी हिल रही थी और बहुत खूबसूरत लग रही थी। मैंने बिस्तर की चादर को मुठी में कस रखा था।

“….उंह उंह उंह…..अई…अई….अई पापा आराम से चोदू। दर्द हो रहा है। जल्दी क्या है। पूरी रात अपनी है…आराम से” मैंने कहा। उसके पापा आराम आराम से मुझे चोदने लगे। कुछ देर बाद मैं अपनी कमर उठाने लगी। मुझे अजीब सी बेचैनी हो रही थी। वासना और सेक्स की आग में मैं जल रही थी। चुदाते चुदाते मेरी आँखों में जलन हो रही थी। मेरा गला भी सुख रहा था। काश मेरे मुंह में कोई १ घूंट पानी डाल देता। फिर पापा ने मेरे सेक्सी पतले छरहरे पेट पर हाथ रख दिया और सहला सहला कर मुझे चोदने लगे। मेरे चेहरा अजीब तरह से बन गया था। मेरे गाल पिचक गये थे। मेरे दोनों भवे आपस में जुड़ गयी थी। मेरे मुंह से “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की आवाज आ रही थी। जैसे मैं कोई तेज मिर्ची खा रही थी और सी सी की आवाज निकाल रही थी। पापा का लंड अब बड़ी आराम से मेरी चूत में दौड़ रहा था। अब मेरी चूत रवां हो गयी थी। उसका रास्ता बन गया था। पापा का लंड मेरी चूत के आखिरी किनारे तक जा रहा था। मुझे भरपूर यौन सुख की प्रप्ति हो रही थी। कभी मैं बेचैनी से ऑंखें बंद कर लेती थी तो कभी खोल लेती थी। सिर्फ पापा को ही ताड़ रही थी। मेरी चूत में उनका लौड़ा पिघल रहा था। मैं अच्छे से जानती थी आज रात पापा मुझे चोद चोदकर मेरी रसीली बुर फाड़ देंगे और मुझे एक असली रंडी बना देंगे। फिर पापा मेरे उपर झुक गये और जल्दी जल्दी कमर घुमाने लगे। मेरी चूत में जल्दी जल्दी उनका लंड जाने लगा। चट चट की आवाज मेरी चूत से आने लगी जैसे बच्चे ताली बजा रहे हो। 20 मिनट बाद पापा ने चूत में माल गिरा दिया। वो मुझ पर लेट गये थे।

15 मिनट बाद पापा ने मुझे कुतिया बना दिया और मेरे खूबसूरत पुट्ठे सहलाने और चूमने लगे। मुझे सुरसुरी सी हो रही थी। पापा आज अपनी जवान बेटी को देखकर वासना में अंधे हो गये थे। उनको किसी तरह की कोई शर्म नही आ रही थी। वो बड़ी देर तक मेरे गोल मटोल पिछवाड़े और गांड को चूमते रहे। फिर पापा ने मेरे पुट्ठों के बीच में मुंह डाल दिया और मेरी गांड चाटने लगे। “बेटी!! तेरी गांड तो कुवारी है” पापा बोले
“पापा आप से गांड मराना चाहती थी, वरना तो कई लड़को ने मुझे गांड चोदने का ऑफर दिया था” मैंने कहा। फिर पापा जल्दी जल्दी मेरी कुवारी गांड में जीभ लगाकर पीने लगे। दोस्तों मेरी चूत की तरह गांड भी बेहद खूबसूरत थी। पापा जल्दी जल्दी चाटने लगे। फिर उन्होंने गांड में लंड डाल दिया और 30 मिनट चोदा। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स  जरुर दे।

कल रात मेरा भाई मुझे चोदा क्यों की मैं हिस्टीरिया से तड़प रही थी

हिस्ट्रिया सेक्स, भाई बहन सेक्स, छत पर चुदाई की कहानी – मेरे प्यारे दोस्तों मेरा नाम राखी है मैं 21 साल की हूं आज मैं आपको अपनी सेक्स कहानी  सुनाने जा रही हूं आशा करती हूं यह कहानी आपको बहुत पसंद आएगी यह कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है कल की ही है दोस्तों जब मैं कल छत पर सो रही थी तो मैं खुद ही नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर कहानियां पढ़ रही थी पढ़ते-पढ़ते मुझे ऐसा लगने लगा था कि मेरे शरीर में करंट दौड़ गया तो मैं खुद ही अपने बूब्स को दबाए जा रही हो।  मेरे पूरे शरीर में  सनसनाहट से बिजली दौड़ गई दोस्तों उसके बाद में  काफी ज्यादा कामुक हो गए थे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूं।  छत पर और कोई नहीं था मेरा भाई बदल के बेड पर सोया हुआ था पंखे चल रहे थे अच्छी हवा भी चल रही थी।

 मेरे शरीर में कंपन  होने लगा मुझे लगा की हिस्टीरिआ हो गया काफी घबरा गई थी। अभी मेरा भाई मेरे करीब आ गया उसको कुछ भी बोल नहीं सकते फिर भी वह मेरे हाथ पकड़ के कहने लगा हूं बताओ बहन क्या हुआ तुम थरथरा क्यों रही है। मैं कैसे बोलती हूं उसको  मेरे अंदर बिजली दौड़ गई है कामुकता मैं पागल हो रही थी मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई मुझे जल्दी से मेरी चूत में  उंगलियां करें।  सच तो बात यह था दोस्तों अगर कोई उंगलियां नहीं करता तो मैं काफी परेशान हो जाती हो सकता था मैं पागल हो जाती। 

 रात काफी हो गया था कोई और था नहीं मेरा भाई मेरे कभी बैठा हुआ था मुझे लगा पागल होने से अच्छा है उसको साफ साफ बता दूं कि क्या दिक्कत मेरे साथ हुई है।  मैंने उसको बोला देखो भाई मेरा मन खराब लग रहा है मुझे हिस्टीरिया हो गया है। मेरी चूत में  उंगली डालो।  अभी ठीक होगा नहीं तो मैं पागल हो जाऊं मैं परेशान होने लगी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। 

 जवाब दे रहा था घबराहट गई थी तभी भाई ने मेरे  सलवार का नाड़ा खोला पेंटी को निचे किया और अपनी ऊँगली मेरी चूत में घुसाने लगा।  अब मुझे कुछ सही लगने लगा मैं शांत होने लगी वह जोर-जोर से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा था अब मुझे थोड़ा सा  ठीक लगने लगा था पर एक बात और बिगड़ गई दोस्तों अब मुझे यह इतना अच्छा लगने लगा कि मुझे लग रहा था कि काश उंगली के जगह पर अपना लंड  चूत में डाल देता। 

 क्योंकि ऐसे भी उसमें सब काम कर लिया था देख लिया था उंगली डाल चुका था तो बचा खुद नहीं था उसे सब कुछ समझ लिया गया था कि मेरे साथ क्या दिक्कत है जब इतना सब कुछ खुल्लम-खुल्ला हो गया उसे क्या छुपाना।  मैंने उसको और उसका बाल पकड़कर उसके होंठ चूसने लगी वो पहले ही गर्म हो चुका था। वह मेरी चूचियों  को दबाने लगा सहलाने लगा।  मेरी सांसे तेज तेज चलने लगी मैं उसको जी जान से अपने बदन में समझ लेना चाहती थी।  मैंने उसको अपनी बाहों में ले लिया उसको चूमने लगी लिप लॉक करने लगी उसके बदन को सहलाने लगी वह भी मेरे बदन को सहलाने लगा मेरी गांड को छूने लगा मेरे उसको पकड़ने लगा। 

 मैं पागल हो रही थी पसीने पसीने हो गई थी मेरे सिसकारियां निकल रही थी कामुकता की हद पार कर दी थी।  अब मुझे बस उसका लंबा मोटा लंड चाहिए था  वह भी मेरी चूत  मैं।  मैंने तुरंत ही उसके कपड़े उतार दिए उसने भी तुरंत मेरे सारे कपड़े खोल दीजिए मैं उसको ऊपर चढ़ा ली। 

 और अपना बूब्सउसके मुंह में डाल दी वह मेरे को चूसने लगा बूब्स को दबाने लगा मेरे होंठ को चूमने लगा किस करने लगा लिप लॉक करने लगा। हम दोनों ही पागल हो गए थे मैंने दोनों टांगे अलग-अलग कर दी और उसको निमंत्रण दे दिया या भाई मुझे तू चोद दे। 

 उसने अपना मोटा लंड निकाला और मेरी चूत  में डाल दिया वह जोर जोर से धक्के देने लगा मैं आप करने लगी वह भी आओ आए ओह्ह्ह उफ्फ्फ  करने लगा और जोर-जोर से वह धक्के दे दे कर दे दे कर मेरी चूत में अपना लंड पेलने लगा। 

मैं भी कहां कम थी मैं जब मैं गांड घुमा घुमा के घुमा घुमा के चुदाई करवा रही थी। मैं पानी पानी हो गई थी मेरी चूत  गर्मी निकल रही थी मैं उस गर्मी को  महसूस कर रही थी और मेरा भाई भी महसूस कर रहा था क्योंकि वह खुद कह रहा था कि क्या बात है बहुत ज्यादा गरम हो गया तेरा चुत।  तो मैं उसको कह रही थी बहन चोद  गर्मी हो गई है तो गर्मी बुझाना जल्दी-जल्दी मार जोर जोर से मार  मेरी चूत  गर्मी को शांत कर। 

के बाद क्या बताऊं दोस्तों हम दोनों कामुक हो गए थे दोनों गरम हो गए थे।  एक दूसरे को पकड़े हुए थे एक दूसरे को धक्के दे रहे थे नीचे से मैं देती ऊपर से वह देता फचर फचर की आवाज आ रही थी दोनों के मुंह से आह आह आह आह आह आह की आवाज आ रही थी। 

तेरे होठों से लगा मेरे बूब्स को दबाने लगा मेरे जांघों को सहलाने लगा मेरे चूतड़ पर अपना हाथ गोल गोल घुमाने लगा मैं भी अपना गांड गोल गोल घुमा घुमा के उसके लंड  को अंदर ले रही थी।  दोनों ऐसे तेज हो गए कि मानो मशीन चल रही हो जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी जल्दी इसे कहते हैं दोस्तों असली चुदाई। 

 मैं झड़ने वाली थी मैं उसको कहने लगी भाई जोर से जोर से और दो और जोर से  जोर जोर से धक्के देकर ले ले जितना लेना है ले , इतना कहते-कहते वह झड़ गया और वह शांत हो गया मैं भी एक लंबी सांस ली कराई सिसकारियां भरी अपने होंठ को अपने बाप से दवाई अपने दोनों बूब्स को अपने हाथों से दबाकर।  मैं भी शांत हो गई। 

 दोस्तों कल रात की चुदाई  एक नया एहसास था आवाज रात क्या होगा वह मैं आपको कल बताऊंगी उम्मीद है आज फिर से प्लान बन गया है छत पर सोने का जो होगा कल मैं आपको जरूर बताऊंगा आज मैं सोच रही हूं अपने भाई से अपनी गांड मरवाओ।  कैसा रहेगा इंतजार कीजिएगा करो कल मैं फिर आकर आपको अपनी पूरी कहानी बता कर जाउंगी तब तक के लिए धन्यवाद

छोटे भाई को पटा कर चुदवाई, अन्तर्वासना शांत की अपने छोटे भाई से

Gaon ki Bhai Bahan Sex, हेलो दोस्तों आज मैं आपको एक अपनी कहानी सुनाने जा  रही हूं। यह मेरी सच्ची कहानी है। तो मेरी शादी हो गई है।  पर मैं यह बात किसी को नहीं बताई तो मेरे मन में यह दफन हो जाएगा और मैं यह नहीं चाहती है यह सेक्स कहानी मेरे मन में दफन हो जाए।  यह कहानी मेरे और मेरे छोटे भाई के बीच में है।  मेरा चचेरा भाई रमेश,  शादी से पहले मैं गांव में रहती थी मेरे  पापा जॉब करते थे तो मेरा दोनों भाई भी वहीं पढ़ाई करता था मैं अपने दादी के पास रहती थी और मेरी दादी बोली थी वह ज्यादा चल फिर भी नहीं सकती थी मैं उन्हीं का देखभाल करने के लिए गांव में  रहती थी। 

 मेरा भी मन नहीं लगता था तो मेरा छोटा भाई रमेश जो मेरे घर के बगल में ही रहता था वह हमेशा मेरे घर आता था।  मेरे पास बैठकर बातचीत करता था इधर उधर की बात बताता था पूरे गांव की बात बताता था।  मैं जवान हो चुकी थी।  तो पता ही है आपको जमाने की आग तो सबको लगती है मुझे भी लगने लगी थी मैं भी जब किसी लड़के को देखती थी तो  मेरी चूत  खुजलाने लगता था।  मैं  सुंदर-सुंदर लड़कों के ख़्वाब में हमेशा रहती थी रात को हमेशा अपनी चूचियों को दबा कर और अपने चूत  को सहला कर सो जाया करती थी करते भी क्या दोस्तों।  पर धीरे-धीरे मुझे लगा कि सहलाने  से काम चलेगा नहीं क्योंकि मैं ज्यादा हो गई थी और मेरे तन बदन में आग लग जाया करते थे लोग उंगली से कितना दिन काम चलाएगा दोस्तों आपको भी पता है आपको भी चाहिए। 

 धीरे-धीरे करके मैं रमेश हो गई छोटा था पर मैं उससे सभी बात करने लगे प्यार से लेकर मोहब्बत तक सब बातों से मैं शेयर करने लगे कि लोग क्या करते हैं कैसे रहते हैं शादी के बाद क्या होता है पति पत्नी को क्या चाहिए लड़का लड़की को क्या चाहिए। 

 धीरे-धीरे करके वह मेरी बातों में आने लगा और इंटरेस्ट देने लगा।  एक दिन मेरी दादी को काफी तबियत खराब थी।  तो मैंने उसको बोला कि तुम यह काम करो रमेश आज यहीं पर सो जाओ मैं तुम्हारी मम्मी को बोल देता हूं वह कुछ नहीं बोलेंगे।  रमेश उस दिन मेरे यहां सोने आ गया था उसका घर बगल में ही था। दादी को डॉक्टर ने नींद की दवाई दे दी थी तो वह खाना खाकर ऐसे सो गई जैसे कि वह मर गई मैं कितना भी बुलाते दही दूध पी लीजिए दूध पी लीजिए पर वह नहीं पी एकदम से सो गई। 

 रमेश भी जाकर जगाया पर कोई फायदा नहीं हुआ दादी नहीं  उठी।  आज मैं प्लान बना चुकी थी कि आज मैं  रमेश से चूत की आग जरूर बुझा लूंगी। 

रमेश पूछा दीदी मैं कहां सॉन्ग हल्की हल्की बारिश बाहर हो रही थी  अंधेरा चारों और था मुझे लगा कि उसे डर लगेगा तो मैंने उसको कह दिया कि तुम मेरे साथ ही सो जाओ वह मेरे साथ ही सो गया दोस्तों जब वह मेरे साथ सो गया तो मैं उसकी तरफ घूम गई और उसके बदन को सहलाने लगे मेरी बड़ी-बड़ी चूचियां उसके छाती से टकरा रही थी मेरी गरम-गरम सांस  चलने लगी थी यह सब उसे भी थोड़ा अचंभा हो रहा था कि आखिर दीदी क्या करेगी। 

 हैरान तो मैं तब हो गई जब उसके लंड  पर मेरा हाथ पड़ा  तुम्हें महसूस की थी उसका लंड  तो पूरा खड़ा था।  मैं तुरंत ही दबोच लिया उसके लंड  को  वह कहने लगा दीदी छोड़ दो दीदी छोड़ दो।  पर मैं नहीं छोड़ी मेरे होंठ उसके होंठ पर चले गए और मैं उसको किस करने लगी मैं उसके चूमने लगी उसके गालों को चूमने लगी उसके छाती को सहलाने लगी। 

 धीरे-धीरे वह शांत हो गया वह मेरी तरफ आकर्षित होने लगा मेरी तरफ  घूम गया और मेरे होंठ को चूसने लगा मेरी चुचियों को दबाने लगा क्यों का दबाते दबाते,  काफी ज्यादा कामुक हो गया था वह मेरे होंठ को चूस चूस के लाल कर दिया मेरी चूचियों को दबा दबा कर दर्द कर दिया। 

 इतना ज्यादा वह मुझे छोड़ दिया कि मैं भी बर्दाश्त नहीं कर पाई मैं उसके ऊपर चढ़ गई अपने कपड़े तुरंत उतार दी अपनी खोल दी अपनी पैंट उतार दे सारे कपड़े खोल दिए उसने जो शर्ट पहना था उसको भी मैंने उतार दिया और मैंने अपनी चूचियां उसके मुंह में डाल दी।   वह मेरे निप्पल को  चूसने लगा।  दोस्तों मैं क्या  बताऊं  मैं पागल होने लगी मेरी चूत गीली हो गई थी।  मैं उसके ल** पर अपनी  चूत रगड़ने लगी.  उसका ल** और मोटा हो गया।  उसको तुमने लगी किस करने लगी वह मेरे चूचियों को दबा रहा था पी रहा था सहला रहा था उसके मन में जो आ रहा था मेरे जिस्म से वह खेल रहा था। 

 उसके बाद में नीचे हो गई वह मेरे ऊपर चढ़ गया मेरे दोनों पैरों को  अलग अलग किया  और अपना ल** निकाल कर मेरी चूत  पर रख दिया।  चूत  पहले से ही मेरी काफी गीली हो चुकी थी.  उसने एक धक्के दिया और पूरा ल** मेरी चूत  में समा गया। 

 मेरे होशो हवास उड़ गए दोस्तों पहली बार चुदाई कर रही थी ऐसा लग रहा था।  मुझे जन्नत नसीब मिल गया।  मेरे तन बदन में आग लग चुके थे  मैं सिसकारियां ले रही थी।  मेरे मुंह से सेक्सी आवाज निकल रही थी।  डर भी नहीं था रात काफी हो गया था और दादी उठने वाली थी नहीं तो मुझे किसी चीज का डर नहीं था आज मैं खुलकर अपने आप को सौंप देना चाहती थी चुद लेना चाहती थी। 

पर मेरा भाई रमेश मुझे खुलकर नहीं चोद रहा था।   क्योंकि वह पहली बार किसी लड़की के इतना करीब होकर जिस्म को टटोल रहा था तो पहले दिन तो दिक्कत उसे होगा यह बात में भी समझ रही थी पर मैं पहले से परिपक्व थी कि मैं रमेश से सेक्स करुँगी, मैं 2 महीने से प्लान बना चुकी थी। इसलिए मुझे भय नहीं था मैंने रमेश से बोली कि जल्दी जल्दी और जल्दी जल्दी और जल्दी जल्दी मुझे शांत करो मुझे शांत करो मुझे चोदो मुझे शांत करो। 

 दोस्तों उसके बाद तो रमेश भी जोर जोर से मेरी ठुकाई करने लगा  अंधेरे में फच फच की आवाज आ रही थी मेरे मुंह से आह आह आह की आवाज आ रही थी।  मैं अंगड़ाइयां लेने लगे मेरे होंठ सूखने लगे  अंदर से एक अजीब सी बातें हो रही थी मेरी धड़कन बढ़ गई थी ऐसा लग रहा था मैं पागल हो जाऊंगी और धीरे-धीरे पता नहीं मेरे चूत  से  पानी निकला और फिर मैं शांत हो गई मैं ठंडी पड़ चुकी थी पर  मुझे चोदे जा रहा था। 

 अचानक वह भी जोर से आह आह आह करने लगा और अपना सारा माल मेरी चूत  में छोड़ दिया।  मैं शांत हो गई मेरी आंखें नहीं खुल रही थी वह मेरे ऊपर ही लेट गया।  करीब आधे घंटे तक हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर लेते रहें यह मेरी पहली चुदाई  थी दोस्तों, उसके बाद जब हम दोनों उठे थोड़ी देर बातचीत किए एक दूसरे को चलाएं उस समय तक हम दोनों नंगे ही थे। 

 उसके बाद वह खुद ही अपना लंड  फिर से निकाला  और मुझे पीछे से ही चोदने लगा।  फिर से हम दोनों शुरू हो गए।  इस बार मैं उसके ऊपर चढ़कर उसके लंड पर बैठ गई ऐसे ही धक्के देने लगे मजा आ गया था दोस्तों। हम दोनों भाई बहन रात भर चुदाई  करते रहे।  सुबह हुआ तो मेरी चूत  मैं सूजन आ गई थी।  एक दो जगह  मेरे बूब्स पर रमेश के दांत के निशान थे लाल हो गया था उसने मेरे निप्पल को ऐसे चूसा कि मेरा निप्पल दर्द कर रहा था।  चुदाई मुझे आज भी याद है दोस्तों। 

 अब वैसे चुदाई  मुझे नसीब नहीं।  पति चोद नहीं पाता  इसलिए मैं स्टोरी पर आई हूं ताकि जहां से किसी एक चोदने वाले इंसान को पटा सकूं ताकि वह मेरी चूत  की गर्मी को शांत कर सके।

तीन कमसिन लड़कियों को एक साथ चोदा

दोस्तों आज मैं आपको अपनी एक सेक्सी कहानी सुनाने जा रहा हूँ। पहले मैं अपने बारे में बता हूँ मेरा नाम रवि है, मुझे चुदाई करना बहुत पसंद है। स्कूल में मैंने कई लड़कियों को चोदा अपने टीचर को चोदा, ट्यूशन वाली दीदी को चोदा अपनी चचेरी बहन को चोदा, आप समझ गए होंगे मैं चुदाई में कितना बढ़िया था और पटाने में माहिर था। पर अब उम्र 25 की हो गई है तो लोकल में जुगाड़ नहीं बन रहा था। 16 से 21 उम्र तब खूब मजे किया पर बाद में तीन साल से सुखाड़ आ गया था मेरी ज़िंदगी में। इसलिए मैंने प्लान बनाया और निकल गया बैंकाक सिर्फ चुदाई करने। लोगो से बहुत सूना था बैंकाक के बारे में वह चुदाई के बारे में लड़कियां कसी हुई माल होती है खूब चुदवाती है।

दिन में एक बजे दिल्ली से फ्लाइट था, देर शाम पहुंच गया। वीजा अराइभल लिए और पहुंच गया बायको होटल, रात में खाना खाने बाहर गया और थोड़ा घुमा फिरा नाईट मार्किट देखा। उस दिन मैंने चुदाई के बारे में नहीं सोचा था थका हुआ था तो सोचा आज आराम करते हैं।

दोस्तों दूसरे दिन दिन के दो बजे होटल से निकला, घुमा फिरा, एक खूबसूरत लड़की से अपना मसाज करवाया एकदम फ्रेश हो गया और शाम को निकल गया एक मार्किट जहा पर चकाचौध था, रोड के दोनों साइड बार था, उस मार्किट में हजारों लड़कियां थी, सभी बार के बारह और बार के अंदर। कही पोल डांसिंग हो रह था तो कही लड़कियां अपने कस्टमर को बुला रही थी।

मैं एक बार में गया जहा पर करीब 100 लड़कियां थी. बियर ली, पिने लगा दो बोतल फिनिश करते करते मैंने 3 लड़की को सेलेक्ट किया। साथ बैठ कर मजे लिए, फिर मैंने बार ओनर को तीनो के बदले पेमेंट दिए क्यों की अगर आप किसी बार से लड़की लेते हो तो पेमेंट करना होता है। फिर मैंने तीनो से रेट फाइनल कर तीनो को लेकर कार से बायको होटल पहुंच गया।

दोस्तों तीनो लड़कियां कमसिन थी, एक लम्बी थी वजन भी सही था, एक छोटी सी थी, एक मिडिल हाइट की. मैं तीनो कद और नैन नक्श और शरीर को अच्छे से चोदना चाहता था ताकि एक बार में ही तीनो तरह के शरीर का मजा ले सकते जैसे आप कभी किसी को चोदते है तब आपको लगता है अगर मोटी होती तो कैसा लगता, पतली होती तो कैसा लगता। जिनको आप चोदते हैं वो अगर मोटी है तो आप दूसरी लड़की पतली हो ऐसा आप सोचेंगे और अगर पतली लड़की से आप सम्बन्ध बना रहे हैं तो आपको लगेगा की काश कोई मोटी लम्बी चौड़ी औरत को चोदता। ऐसा इंसान की फितरत होती है जो होता है पास उससे अलग चाहते हैं. आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

दोस्तों तीनो साइज की लड़कियों के कपडे उतार दिए। पहले तो टीवी चलकर जमकर डांस किया। मैं भी नंगा वो तीनो भी नंगी लंड हिला हिला कर डांस करता था, वो तीनो चूचियां हिला हिला कर डांस करती थी। मैं उन तीनो की भाषा समझता नहीं था और अंग्रेजी टूटी फूटी आती है वो बस इंडियन को समझने के लिए है। उफ्फ्फ्फ़ समझ गए मैं क्या कहना चाह रहा हूँ।

नाचते नाचते कभी किसी के गांड में थप्पड़ मारता तो कभी किसी की निप्पल को मसल देता। कभी किसी की चूत को सहला देता तो कभी किसी को पकड़ पर अपना लौड़ा रगड़ देता। तो तीनो भी खूब मजे ले रही थी और मैं भी खूब मजे ले रहा था. गजब का माजरा था मुझे तब हसी आ रही है। अगर ये वीडियो बना होता था वायरल हो जाता।

फिर क्या था दोस्तों मेरा लौड़ा काबू में नहीं था. मैं एक को उतरकर बेड पर ले गया और दोनों टांगो को ऊपर कर लौड़ा घुसा दिया चूत में और दे दना दन, तभी एक पीछे से आई और मेरे गांड को चाटने लगी और और वही चुदने वाली की चूचियां सहला रही थी। मैं भी बारी बार से सब की चूचियां मसलता किश करता और एक एक कर के तीनों को चोदता ऐसा लग रहा था ग्रुप सेक्स हिट वाला। मादरचोद अंग्रेजी फिल्म को भी फ्लॉप कर दिया था मेरा चुदाई का सिन.

दोस्तों जब खलास होने लगे तब लौड़ा चूत से निकाल लेता और किसी और चीज में बारे में सोचने लगता और ऐसी बात सोचता था की लौड़ा एकदम से डाउन हो जाता था। वो तीनो भी हैरान थी की साले का वीर्य भी नहीं निकला और सिकुड़ गया और बस तुरंत बाद ही फिर से तन जाता था और फिर चोदने लगता था। ऐसा ही चला पूरी रात थोड़े थोड़े देर के अंतराल सुबह करीब तीन बजे मैं बोल गया। अब मेरे में हिम्मत नहीं था। नशा भी उतर गया था और वीर्य भी तीन बार।

हम चारो मिलकर नहाये उन तीनो को गले गया चूचियां मसला और फिर बिदा किया। दोस्तों मेरा ये ट्रिप ज़िंदगी भर नहीं भूलने बाला ट्रिप था। आज भी सोचता हु तो हँसता हु और फिर मूठ मारता है बहुत ही प्यारी खट्टी मीठी यादें है इस चुदाई की। आपको अगर ये कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट करें।

भाभी की चूत और जवान भतीजी के साथ मजा

किराये के कमरे में रहते हुए मैंने मकान मालिक की दो बेटियों के साथ जवानी का मजा लिया और उनकी चाची यानि मेरी भाभी की चूत चोद कर उसे औलाद का सुख दिया.

नमस्कार दोस्तो, आप लोगों ने मेरी पिछली कहानी
मौसेरी बहन की कुंवारी चूत की सील तोड़ चुदाई
में पढ़ा था कि किस प्रकार मैंने अपनी मौसी कि लड़की की चुदाई करके उसकी कुंवारी चूत की सील तोड़ी थी. आप लोगों का बहुत प्यार मिला. इसका बहुत धन्यवाद.

मेरी मौसी की लड़की शादी होने के बाद मैं व्यापार के सिलसिले में दिल्ली आ गया था.

दिल्ली में एक मकान में किराए पर कमरा लिया था. वहां पर मैं अकेला ही रहता था. मकान मालिक हमारी ही तरफ का था, इसलिए उससे हमारी अच्छी जान पहचान हो गई. उसकी बीवी शायद बीमार रहती थी जिस वजह से वो एक कमरे में पड़ी रहती थी.

मकान मालिक की दो लड़कियां ही थीं. बड़ी लड़की का नाम सोनम और छोटी का नाम रीना था. एक 23 साल की और दूसरी 19 साल की थी. दोनों बहुत सुंदर थीं. दोनों का फिगर 34-28-36 और 30-26-34 का था.

मकान मालिक कोचिंग चलाता था लेकिन वह अपनी बेटियों को नहीं पढ़ा पाता था. इसलिए उसने मुझसे उन्हें पढ़ाने के लिए पूछा.
तो मैंने उससे कहा कि मैं शाम को 7.30 से ही पढ़ा सकता हूँ.

वह मान गया.

उनके घर के एक हिस्से में मकान मालिक का भाई भी रहता था. उसकी पत्नी बड़ी फंटास माल थी. वो नौकरी करती थी और उसके कोई सन्तान नहीं थी. उसका पति शायद गांडू था, जो अपनी बीवी को ठंडा नहीं कर पाता था.

लेकिन मेरी निगाह मकान-मालिक की उन दोनों छोकरियों पर जम गई थी. अब मैं रोज उन दोनों लौंडियों को पढ़ाने लगा. धीरे-धीरे वे दोनों मेरे साथ घुल-मिल गईं. वो दोनों अब कभी भी मेरे कमरे में आने जाने लगी थीं.

एक दिन मेरे सर में दर्द हो रहा था, तो मैं कमरे पर ही था, काम पर नहीं गया था.

तभी सोनम कमरे में आ गई और मुझसे पूछने लगी.
तो मैंने बताया कि मेरे सर में दर्द हो रहा है.
मेरी बात सुनकर वो मेरे लिए चाय बना कर ले आई.

उस समय उसने स्कर्ट और टाईट टॉप पहना हुआ था, जिसमें से उसके चुचियां उभरी हुई दिख रही थीं. उसके उभारों को देख कर मेरा सारा दर्द गायब सा हो गया था. और मेरी नजर उसके उभारों पर जाकर टिक गई थी. मैं उन्हें बड़े ध्यान से देख रहा था.

जब उसने मुझे देखा, तो पूछा- ऐसे क्या देख रहे हैं?
तो मेरे मुँह से ‘मस्त हैं यार..’ निकल गया.
वो ये सुनकर हंस कर वहां से चली गई.

अब जब भी दोनों पढ़ने आतीं तो मैं उसे ही देखता रहता था और इशारे करता. वो भी मुझे इशारे करने लगी थी.

एक दिन रीना ने हम दोनों को इशारे करते हुए देख लिया और पूछा- ये सब क्या हो रहा है?
मैं हड़बड़ा कर बोला- कुछ नहीं … तुम अपना पढ़ने में ध्यान दो.

लेकिन वो सब कुछ समझ रही थी. उस दिन तो जैसे तैसे मामला सलट गया.
मैं कुछ ज्यादा ध्यान देने लगा था कि कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए.

कुछ दिन बाद सोनम ने मुझे रीना के बारे में भी बता दिया था कि वो भी सैट हो जाएगी. मगर मुझे कुछ ठीक नहीं लगा था, इसलिए मैंने रीना पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.

फिर एक दिन उसके घर में उन दोनों के अलावा कोई नहीं था. सब लोग किसी की शादी में गए हुए थे. उनके पापा देर रात तक आने वाले थे.

शाम को सोनम और रीना दोनों मेरे पास जब पढ़ने आईं, तो मैं दोनों को देखता रह गया.

दोनों ने छोटी छोटी सी स्कर्ट और टॉप पहनी हुई थीं. दोनों ही कयामत लग रही थीं. दोनों ने अपने टॉप के ऊपर के बटन खुले रखे थे. दोनों ही शायद पहले से सब तैयारी करके आई थीं.

तभी सोनम आकर मेरी गोद में बैठ गई और रीना मेरे बगल बैठ गई. मैं समझ गया कि आज ये दोनों सब कुछ भूल कर मुझसे चुदने का प्रोग्राम बना कर आई हैं.

मैं सोनम के चेहरे को दोनों हाथों से पकड़ कर उसके लाल लाल होंठों पर किस करने लगा, जिसमें सोनम भी मेरा साथ दे रही थी. रीना हमें बड़े ध्यान से देख रही थी.

तभी उसने कहा- मेरा नम्बर कब आएगा?
ये कह कर वो भी मेरी गोद में आकर बैठ गई.

मैंने भी सोनम को छोड़ कर रीना को पकड़ा और उसे किस करने लगा.

इधर सोनम मेरे लंड को मेरे लोवर के ऊपर से ही पकड़ने लगी, जो कि बिल्कुल लोहे की तरह कड़क हो गया था. मैं रूम पर कभी लोवर के नीचे कुछ नहीं पहनता था, जिससे मेरे लंड का उभार साफ नजर आ रहा था.

सोनम ने मेरे लोवर के अन्दर हाथ डाल कर जब मेरे 7 इंच लम्बे लंड को महसूस किया, तो उसने लंड बाहर निकाल लिया. मेरा खड़ा लंड बाहर आया, तो वो लौड़ा देखती ही रह गई. इधर मैं रीना को गरम करने में लगा हुआ था.

रीना की आंखें अभी बंद थीं. तभी मैंने सोनम का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसने भी लंड पकड़ लिया और बोली- इतना बड़ा और इतना मोटा … मैं अन्दर कैसे ले पाऊंगी.
वो लंड को हाथ से आगे पीछे करने लगी.

इधर जोश में आकर मैं रीना के चूचों को टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा.

थोड़ी देर बाद मैंने दोनों के टॉप को ऊपर कर दिया. मैं दोनों के चुचों को बारी-बारी से चूसने लगा. वे दोनों ही मेरे लंड को बारी बारी से हिला रही थीं.

तभी बाहर से कोई आवाज लगा रहा था, जिसे हमने नहीं सुना था. वो आवाज जब मेरे कमरे के पास आई, तब हमें सुनाई दी. ये उन लड़कियों की चाची थी, जो उन्हें बुला रही थी.

सोनम और रीना ने तुरन्त ही अपने कपड़े सही किए और पढ़ने बैठ गईं.

मैंने भी अपने लोवर को ऊपर किया और बैठ गया.

तभी मेरे कमरे में उनकी चाची आईं और अपने घर की चाभी मांगने लगीं.
सोनम ने कहा- हां चाची चाभी देती हूँ और हम भी आपके ही चलते हैं.
चाची ने हामी भर दी.

तो उसने चाची से पूछा- आप इतनी जल्दी कैसे आ गईं.
उन्होंने बताया कि अरे कुछ नहीं, आज मेरी तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए जल्दी चली आई.

ये बताते हुए उनकी नजर मेरे लोवर पर थी, जिसमें मेरा लंड बिल्कुल सीधा खड़ा था और उस जगह पर गीला भी था.

चाची लंड के उभार को देखते ही शायद समझ चुकी थीं.
सोनम और रीना कमरे से बाहर जा चुकी थी.

मगर चाची अब भी मेरे लंड को ही देख रही थीं.
तभी मैंने पूछा- भाभी जी क्या देख रही हैं?
वो उन लड़कियों की चाची थी पर मेरी तो भाभी समान थी. वो मुझे देख कर मुस्कुराते हुए चली गईं.

उस दिन चुदाई नहीं हो सकी थी.

इस घटना के बाद उन दोनों की चाची हम तीनों पर नजर रखने लगी थी. फिर भी हम किस करना, लंड चूसना चुत मम्मे चुसाना आदि कर लेते थे. लेकिन उसके आगे नहीं कर पाते थे.

एक दिन मैं रूम में लेटा हुआ अपने मोबाइल पर ब्लू-फ़िल्म देख रहा था, क्योंकि उस दिन मुझे कहीं जाना नहीं था.

तभी कुछ आवाज आई, मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो भाभी अन्दर आकर मेरे रूम का दरवाजा अन्दर से बंद कर रही थीं. मैंने अपनी आंखें बंद कर लीं और उन्हें हल्के से देखने लगा.

उन्होंने मुझे देखते हुए अभी नहीं देखा था, इसलिए मैं भी वैसे ही पड़ा रहा. भाभी आकर मेरे बगल में लेट गईं. उन्हें लगा कि मैं सो रहा हूँ. क्योंकि मैंने आंखें बंद कर रखी थीं.

उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया.
मैंने पीछे मुड़ कर देख कर बोला- ये क्या कर रही हैं?
तो भाभी ने कहा- वही … जो तुम सोनम और रीना के साथ उस दिन करने जा रहे थे.

मैंने झूठ-मूट का डरने का नाटक करते हुए कहा- अरे भाभी जी आप कह रही हैं. मैंने कुछ नहीं किया था.
उन्होंने कहा- तब नहीं किया था, तो अब कर लो.

ये कहते ही भाभी मुझसे लिपट गईं और किस करने लगीं. मैं भी उनका साथ देने लगा और उनके होंठों को चूसते हुए उनके कपड़े खींचने लगा. उन्होंने गाउन पहना था, तो मैं गाउन के ऊपर से ही उनके चुचों को दबाने लगा.

भाभी ‘सी … ई … आह …’ की आवाजें निकाल रही थीं और बोल रही थीं कि प्लीज़ मुझे गर्भवती कर दो. मेरी शादी को आठ साल हो चुके हैं.. लेकिन अब तक बच्चा नहीं हो सका है.

ऐसा सुनते ही मैंने उनके गाउन को उतार दिया. भाभी ने गाउन नीचे कुछ भी नहीं पहना था. भाभी एकदम से नंगी मेरे सामने आ गईं. चुत की झांटें एकदम साफ़ थीं और चुत भी काफी टाईट लग रही थी.

वाह भाभी का क्या मस्त फिगर था.. यही कोई 36-30-38 का रहा होगा. मैं भाभी के चूचों को दबाने लगा.

तभी उन्होंने कहा- अपने कपड़े भी तो उतारो.
मैंने बोला- आप खुद ही उतार लो.

भाभी ने हंस कर मेरी तरफ देखा और पहले मेरी बनियान उतारी, फिर लोवर खींच दिया.

लोवर उतरते ही मेरा खड़ा लंड उनके सामने था, जिसे देखते ही भाभी ने अपने हाथों में पकड़ कर कहा- आह बहुत मोटा और बड़ा लंड है.

मैं फिर से उनके चूचों पर टूट पड़ा. भाभी के दूध चूसने और दबाने लगा. भाभी सिसकारियां लेती हुई मेरे लंड को पकड़ कर हिला रही थीं. मैं भाभी को चूमते चूसते उनकी चूत पर आ गया और जोर-जोर से चूत चूसने लगा.

भाभी मेरे सर अपनी चूत दबाते हुए मस्ती में बोले जा रही थीं- सीई.. आह..ह आ..ह.. सीई … कुछ करो जल्दी से.. मेरी चुत में आग लगी है.

ये सुनकर मैं उठा और भाभी से अपना लंड चूसने को कहा. भाभी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.

फिर मैं उनको उठा कर अपने ऊपर लेकर कर बेड पर लेट गया और हम दोनों 69 के पोजीशन में आ गए. मैं मस्ती से भाभी की चुत चाट रहा था. लेकिन भाभी थोड़ी देर में ही झड़ गईं. मगर मुझे मस्ती चढ़ी थी, सो मैं भाभी का चुतरस चाटते हुए उनकी चूत को चाटता रहा, जिससे भाभी फिर से गर्म हो गईं और चुदने के लिए तड़पने लगीं.

भाभी बोलने लगीं- आह जल्दी से चोद दो मुझे … अब नहीं रहा जाता.

मैंने भाभी को सीधा लिटा कर उनकी दोनों टांगों को फैला कर अपने लंड को चूत पर रगड़ने लगा और चूचियों को चूसने लगा.

भाभी अपनी चूत को उठा-उठा कर लंड लेने का प्रयास करने लगीं और बोलने लगीं- आह साले, जल्दी से चोद दे मुझे.
वो मेरा लंड पकड़ कर खुद अपनी चूत में डालने का प्रयास करने लगीं.

मैंने उनके दोनों हाथों को ऊपर कर दिया और चूतड़ों के नीचे तकिया रख कर भाभी की दोनों टांगों को फैलाकर अपने लंड को भाभी की चूत पर सैट कर दिया.

भाभी की चुत की फांकों में लंड का सुपारा फंसते ही मैंने जोर का धक्का दे दिया. इस तेज झटके से मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया. उनकी आंखों से आंसू आ गए, पर भाभी चीखी नहीं.

मैं वहीं पर रूक कर भाभी के चूचों को चूसने लगा. जब भाभी थोड़ा शान्त हुईं.
तो मैंने कहा- मेरी जान एक बार और सह लो … उसके बाद तो मजे ही मजे हैं.
भाभी ने कहा- ठीक है मेरी जान … पूरा लंड चुत में डाल कर मुझे चोद डालो.

मैंने थोड़ा सा लंड बाहर खींच कर जोर का धक्का लगा दिया. इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस चुका था. भाभी ने कराह भरी, मगर इस बारे मैं रूका नहीं. धक्के पर धक्के देता रहा.

धीरे-धीरे भाभी को भी मजा आने लगा. अपनी गांड उठा उठा कर भाभी लंड के मजे लेने लगीं.

चुदाई का धकापेल खेल चल रहा था. मुझे भाभी कोई चोदते हुए कोई पन्द्रह मिनट हो चुके थे. इस बीच भाभी दो बार झड़ चुकी थीं. अब झड़ने का मेरा नम्बर था. मैंने भाभी की चूत में ही लंड को खाली कर दिया. मेरे साथ भाभी भी झड़ गईं.

दोपहर तक मैंने उन्हें दो बार हचक कर चोदा और दोनों बार मैंने अपना माल भाभी की चूत के अन्दर ही गिरा दिया था. चुदाई सम्पूर्ण हो गई थी. भाभी भी लंड की कथा सुनकर जाने को उठीं.

मगर अब उनसे चला भी नहीं जा रहा था. तो मैं उनको उठा कर उनके कमरे में छोड़ कर आया. क्योंकि उस दिन उनके सिवाए घर पर कोई नहीं था.
मकान मालिक अपनी बीवी को हस्पताल लेकर गए थे और वे दोनों लौंडियां कालेज गई थीं.

मैं मेडीकल की दुकान से कुछ दर्द की दवाएं और उनके कहने पर कुछ नींद की दवा भी लेकर आया. मैं उनके कमरे में दवा देने के लिए चला गया.

फिर भाभी के कहने पर मैंने बाहर से खाने का आर्डर कर दिया क्योंकि सोनम और रीना कालेज से आने वाली थीं.

जब तक खाना आता, तब तक मैं भाभी को उनके बेड पर गर्म करने लगा. भाभी मना कर रही थीं मगर इस बार मैंने उनकी एक न सुनी और फिर से एक बार भाभी को चोद दिया.

कोई आधा घंटे तक चुदाई का सीन चला, तब तक खाना वाला खाना लेकर आ गया. मैंने अपने कपड़े सही किए और भाभी से पैसे लेकर खाने वाले डिलीवरी वाले को दे दिए. मैंने खाना किचन में ले जाकर कर रख दिया और भाभी के कमरे में जाकर उन्हें बता दिया.

भाभी ने कहा- क्या तुमने अपने लिए खाना नहीं बोला था?
मैंने कहा- हां मैंने निकाल लिया है.

उन्हें मैंने खाने का पैकेट दिखाया और अपना खाना लेकर जाने लगा.

तभी भाभी ने मुझे आवाज देकर बुलाया और एक किस के लिए कहा. मैं अभी उन्हें किस करके पीछे मुड़ा ही था कि सोनम और रीना दरवाजे पर खड़ी थीं.

मैंने उन्हें देख कर आंख मारी, तो दोनों मुस्कुरा दीं. मैं खाना लेकर कमरे में चला गया और खाना खा कर सो गया.

अब हर रात भाभी सबको सुलाने के बाद मेरे कमरे आतीं और भोर में चुदाई के बाद चली जाती थीं.

ऐसा पूरे एक महीने तक चला. फिर एक रात जब भाभी मेरे पास आईं तो वह बहुत खुश थीं.

उन्होंने बताया कि वह गर्भ से हो गई हैं.

उस रात मैंने भाभी को पांच बार चोदा और उनकी गांड भी मार ली.

उस दिन के बाद भाभी का आना धीरे-धीरे बंद हो गया. बाद में भाभी को जुड़वां बच्चे हुए. अब वो बहुत खुश हैं. भाभी ने मुझे इसका इनाम भी दिया.

फिर मैंने सोनम और रीना को कैसे चोदा, ये मैं अगली कहानी में लिखूंगा. आप मेल करके मुझे जरूर बताएं कि भाभी की चूत की सेक्स कहानी कैसी लगी.

सेक्सी ममेरी बहन की चुदाई

ब्रदर सिस्टर सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी सेक्सी ममेरी बहन की चुदाई की. मैं उसके साथ रहा कर पढ़ता था. एक रात मैंने उसे कहीं जाते देखा तो …

दोस्तो, मेरा नाम आर्यन है. मैं अपनी ब्रदर सिस्टर सेक्स स्टोरी आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूं. ये एक रियल स्टोरी है और मैंने अपनी रियल फीलिंग्स शेयर की हैं इस स्टोरी में. ये स्टोरी मेरी मामा की लड़की और मेरी मॉम के बारे में है.

मेरी ममेरी बहन का नाम राखी है और उसका फिगर 34 सी – 32 – 36 है. मेरी मां का नाम रश्मि है और उनका फिगर 38 सी – 36 – 42 है. मेरी मां की उम्र 44 साल है. वह एक सेक्सी दिखने वाली महिला है लेकिन थोड़ी धार्मिक टाइप है.

अब मैं आपको अपने बारे में बता देता हूं. मैं 23 साल का हूं. मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच है. मेरे लंड का साइज 7.5 इंच लम्बा और मोटाई 4 इंच है. मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं और इटावा जिले से हूं.

मेरी फैमिली में हम चार लोग हैं- मां-पापा, बड़ी बहन और मैं.
मेरे पापा बिजनेस करते हैं और मां हाउस वाइफ हैं. मेरी मां देखने में काफी जवान लगती है. मेरी बहन की शादी 6 साल पहले हो चुकी थी.

छोटी उम्र में ही मैं सेक्स के बारे में जानने लगा था. जैसे जैसे बड़ा होता गया तो मेरी मॉम की ओर मेरा आकर्षण बढ़ने लगा. जब 18 साल की उम्र में पहली बार मैंने मुठ मारी तो मॉम की पैंटी को सूंघ कर ही मारी थी.

उसके बाद तो मैं मॉम की चूत का जैसे दीवाना हो गया था. मैं रोज मॉम की पहनी हुई पैंटी की ताक में रहता था. जैसे ही पैंटी मिलती थी मैं मुठ मार लेता था और सारा माल पैंटी में ही गिरा देता था. मगर डर भी लगता था कि कहीं मॉम को पता न चल जाये.

फिर वक्त गुजरता गया और मैं पोर्न फिल्म देखने का आदी हो गया. मैं रोज फैमिली सेक्स की वीडियो देखा करता था जिसमें पोर्न स्टार एक मॉम का रोल प्ले करके अपने बेटे से चुदवाती थी.

इसके साथ ही मुझे सेक्स स्टोरी पढ़ने की भी आदत लग गयी. जब मैंने पहली बार मां-बेटे की चुदाई की कहानी पढ़ी तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ. मैं सोच कर हैरान थी कि सच में ऐसा होता है.

मैं तो सोच रहा था कि केवल मैं ही मां की चूत चोदने की इच्छा रखता हूं लेकिन ऐसी बहुत सी कहानियां प्रमाण के रूप में मेरे सामने थीं जिसमें एक मां अपने बेटे से चुदवा रही थी.

उसके बाद तो मैं मॉम की चुदाई करने के लिए और भी तड़पने लगा. हर वक्त मॉम को चोदने के प्लान बनाता रहता था. जब वो नहाने जाती मैं उनको देखता था. उनके जिस्म के थोड़े से भी दर्शन हो जाते थे तो मैं लंड को रगड़ रगड़ कर लाल कर लेता था.

मैं मॉम की चूत चोदने के लिए तड़प रहा था. मौका पाकर मां को पेल देना चाहता था लेकिन बाप का डर था. सोच कर रह जाता था कि यदि मां ने पापा को बता दिया तो मुझे घर से ही निकाल देंगे.

फिर मेरा दाखिला कॉलेज में हो गया. मैंने वहां पर एक लड़की भी पटा ली. उसको गर्लफ्रेंड बना लिया. उसके साथ दो-तीन बार गर्लफ्रेंड से सेक्स भी हुआ लेकिन मुझे कुछ खास मजा नहीं आया.

एक दिन मैंने उसको मॉम बन कर चुदने के लिए कहा. उसको मेरी बात हजम नहीं हुई और उसको ये सब बहुत अजीब लगा. वो मुझे गालियां देने लगी कि मैं अपनी मां के बारे में ऐसा सोचता हूं. उसने कहा कि आज के बाद मैं उससे बात करने की कोशिश न करूं.

उसने मुझे छोड़ दिया और मैं काफी परेशान रहने लगा.

उसके बाद मेरा एग्जाम हुआ और मैं उसमें फेल हो गया. सबने बहुत डांटा. उसके बाद मैं और ज्यादा उदास रहने लगा.

थोड़े दिन के बाद मेरे मामा की लड़की राखी मेरे घर आई. वो बहुत हॉट थी. वो आगरा में रह कर एमएससी की पढ़ाई कर रही थी. घर आकर वो मेरी पढा़ई के बारे में पूछने लगी.

मॉम बोली- नालायक हो गया है बिल्कुल। पढ़ाई लिखाई कुछ करता नहीं और फेल होकर बैठा है.
राखी बोली- कोई बात नहीं बुआ, आजकल तो बहुत सारे प्रोफेशनल कोर्स भी हो रहे हैं. कोई भी कोर्स कर लेगा.
मॉम- हां, मगर इसे कौन समझाये?

राखी मुझसे बोली- तू आगरा क्यों नहीं चलता? वहां पर रूम लेकर रह लेना. किसी अच्छे कोर्स में एडमिशन ले लेना.
मैं बोला- मुझे अकेले कहीं नहीं जाना है.
मॉम- तो राखी के साथ ही रह लेना.
मैंने फिर भी मना कर दिया.

मेरी ममेरी बहन राखी दो दिन हमारे घर रही. उसने मुझे बहुत समझाया और मैं मान गया. उसके बाद मैं आगरा शिफ्ट हो गया. शुरू में थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर मन लगने लगा.

अब मुझे किसी का डर नहीं था क्योंकि बाप से दूर रह रहा था. मगर वहां जाने के बाद एक बुरी आदत और लग गयी. मैं वहां जाने के बाद शराब पीने लगा. राखी सुबह 9 बजे चली जाती थी और शाम को 5 बजे आती थी.

मेरी 3 घंटे की क्लास होती थी और फिर मैं पूरा दिन रूम पर पड़ा रहता था. जब राखी शाम को आ जाती तो मैं उसके आने के बाद निकल जाता था. अपने एक नये दोस्त के साथ दारू पीता था और फिर रात 8 बजे आता था.

मुझे फिर पता लगा कि राखी का उसके मकान मालिक के साथ चक्कर चल रहा है. मुझे शुरू में जानकर बुरा लगा. मगर मैंने इस बात की छानबीन करना शुरू कर दिया. धीरे धीरे मेरा शक यकीन में बदल गया. मुझे कन्फर्म हो गया कि जरुर कुछ न कुछ चल रहा था राखी और मकान मालिक के बीच में.

मैं राखी को चुपचाप रात में रूम से बाहर जाते हुए भी देख चुका था. एक दिन मैंने उसका पीछे करने की सोची. रात के 1 बजे वो उठी. उसने अपना गाउन पहना हुआ था. उसके बाद उसने धीरे से गाउन में हाथ देकर अपनी ब्रा और पैंटी उतारी और रूम से बाहर निकल गयी.

उसके जाने के बाद धीरे से मैं भी निकल लिया. वो मकान मालिक के रूम में गयी. वहां पर अंदर अंधेरा था. मुझे कुछ दिखाई तो नहीं दे रहा था लेकिन उनकी आवाज आ रही थी.

राखी बोल रही थी- देखो, मेरा भाई अब साथ में रहता है. अब मैं तुम्हारे साथ ये सब ज्यादा नहीं कर सकती हूं और मेरा बॉयफ्रेंड भी है.
मकान मालिक बोला- चुप कर साली रंडी. तू जब तक यहां रहेगी तब तक मुझे खुश करती रहेगी.

फिर राखी चुप हो गयी. उसके बाद उस अंकल ने राखी का गाउन उतार दिया. वो एक दूसरे को किस करने लगे. मैं उनकी आवाज सुनकर बहुत उत्तेजित हो रहा था.

फिर अंकल ने उसको लंड चूसने के लिये कहा. पहले तो दीदी मना करने लगी लेकिन फिर वो उसका लंड चूसने लगी.

उसके बाद अंकल ने उसको कुतिया बना लिया और उसको चोदने लगा. मैं उनकी चुदाई की कामुक सिसकारियां और आवाजें सुन कर पागल हुआ जा रहा था. मैं भी वहीं खड़ा होकर लंड की मुठ मारने लगा.

कुछ देर चोदने के बाद उसने अपना लंड निकाला और दीदी के मुंह के सामने करके मुठ मारने लगा. मैं फिर सेक्सी ममेरी बहन की चुदाई देखकर वहां से वापस आ गया. मैं रूम में आकर पूरा नंगा होकर लेट गया और चादर ओढ़ ली.

उसके कुछ देर के बाद रूम में राखी भी आ गयी. जैसे वो घुसी, मैंने रूम की लाइट ऑन कर दी. वो मुझे देख कर चौंक गयी. उसके बाल बिखरे हुए थे और उसके चेहरे पर गीला गीला लगा हुआ था. वो मुझे देख कर सहम सी गयी थी.

तभी मैं बोला- आ गयी चुदवा कर मकान मालिक से?
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा- कोई बात नहीं. जाओ मुंह धोकर आ जाओ.

वो बाथरूम में गयी और फिर मुंह धोकर वापस बाहर आई. चूत धोई या नहीं ये मुझे नहीं पता चला.

मैंने उसे मेरे बेड पर आने के लिये कहा. दरअसल रूम बड़ा था और हमारे बेड अलग अलग थे. मगर बाथरूम एक ही था.

राखी मेरे बेड के पास आकर खड़ी हो गयी.
मैं बोला- देखो, जो भी हुआ मैंने वो सब देख लिया है. काफी टाइम से मैं नोटिस भी कर रहा था.

वो कुछ नहीं बोल रही थी. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसको अपने बेड पर बैठा लिया. उसी वक्त मैंने चादर हटा दी. मैं नीचे से पूरा नंगा था. उसने एक नजर मेरे लंड को देखा और फिर उठ कर जाने लगी.

मगर उससे पहले ही मैं उठ गया.
मैंने उठ कर दरवाजे को लॉक करते हुए कहा- देखो, बुरा मत मानना. मगर ये बताओ कि अंकल तुम्हें रंडी क्यों बोल रहे थे? तुम अपने बॉयफ्रेंड से भी चुदवाती हो. अंकल से भी चुदवाती हो. मुझे तो अंदाजा भी नहीं कि तुम कितने लोगों से चुदवाती हो! अब मेरे सामने शरमाने का नाटक मत करो. मैं तुम्हारे घरवालों को इस बारे में कुछ नहीं कहूंगा लेकिन जो बात है मुझे सच बता दो.

फिर वो नॉर्मल सी हुई और बोली- देखो बुआ जी को इस बारे में कुछ मत बोलना.
मैंने कहा- वादा करता हूं कि कुछ नहीं बोलूंगा. लेकिन …
राखी- लेकिन क्या?

मैं बोला- आपको मुझे भी खुश करना होगा.
वो मना करने लगी.
मैं बोला- एक बार करने दो.
वो मना करती रही.

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसको अपने पास कर लिया.
वो मुझे रोकने लगी और बोली- हम दोनों भाई-बहन हैं, ऐसा नहीं हो सकता. ये गलत है.
मैं बोला- कुछ गलत नहीं है, सब करते हैं. लंड को केवल चूत चाहिए और चूत को लंड।

ऐसा कहते हुए मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखवा दिया. मेरा लंड काफी लम्बा और मोटा था. वो लंड को पकड़े रही और फिर धीरे धीरे अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगी.

मैंने उसकी चूचियों को छेड़ना शुरू कर दिया. मैं पूरा नंगा था और वो भी अब धीरे धीरे गर्म होने लगी थी. मैं उसकी चूचियों को जोर जोर से कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा. वो भी तेजी से मेरे लंड की मुठ मारने लगी.

कुछ ही देर में वो इतनी गर्म हो गयी कि उसने मेरे लंड को हाथ में लेकर तोड़ना शुरू कर दिया और मैं खुद को रोक नहीं पाया. मेरे लंड से वीर्य निकल पड़ा जो उसके पेट पर जाकर लगा.

उसके बाद मैं उठ गया. हम दोनों बाथरूम में गये और साफ करके आये. उसके बाद दोनों बेड पर एक साथ लेट गये.
मैंने उसके गाउन में हाथ दे दिया और उसकी चूत को छेड़ने लगा.
वो मेरे हाथ को रोक कर बोली- सो जाओ, बहुत रात हो रही है.

मैं बोला- मगर मैंने अभी तक अपने लंड से तुम्हारी चूत को छुआ तक नहीं है.
वो बोली- कल दिन में आराम से कर लेना. अभी बहुत रात हो रही है. सो जाओ और मुझे भी सोने दो.

उसके बाद मैं राखी के जिस्म से चिपक कर सो गया. सुबह मेरी आँख खुली तो वो फ्रेश होकर किचन में नाश्ता बना रही थी.

मैं भी फ्रेश होने गया. दीदी ने टॉप और जीन्स पहना हुआ था. उसको देख कर मैं जोश में आ गया.

मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया.
वो बोली- पहले नाश्ता कर ले.
मैं बोला- नहीं, पहले मुझे मजा लेने दो. आह्ह… सेक्सी…
दीदी की गांड पर मैं पीछे से लंड को रगड़ रहा था.

वो बोली- मैं आज घर पर ही रहूंगी. पूरा दिन जो चाहे कर लेना.
मैं ये सुन कर खुश हो गया.
उसके बाद हम दोनों साथ में बैठ कर नाश्ता करने लगे.

राखी ने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
मैंने कहा- सच कहूं तो मुझे गर्लफ्रेंड में इंटरेस्ट ही नहीं आया. पहले एक थी लेकिन अब उसकी शादी हो गयी है.
वो बोली- तो दूसरी बना लो.
मैंने कहा- बना तो ली है लेकिन वो चूत नहीं दे रही है.

कल रात के बाद राखी और मैं एक दूसरे के साथ काफी ओपन हो गये थे.
वो पूछने लगी- कौन है? कहां रहती है?
मैंने कहा- तुम जानती हो उसे.

वो बोली- मैं कैसे जानती हूं? तू बता ना यार, क्यूं मजाक कर रहा है?
मैंने कहा- रश्मि.
वो बोली- कौन रश्मि?
मैं- तेरी बुआ रश्मि!

राखी चौंक कर बोली- तू पागल हो गया है क्या? पता भी है क्या बोल रहा है?
मैंने कहा- पागल तो तेरी बुआ के जिस्म ने कर दिया है. हर वक्त उसी के जिस्म के बारे में सोचता रहता हूं. उसकी चूत के ख्याल मन से जाते ही नहीं.

वो बोली- तेरा दिमाग खराब हो गया है, अपनी मां के बारे में ऐसा कैसे सोच सकता है?
मैं- मैं तो कब से उसके बारे में सोच कर मुठ भी मार रहा हूं.

राखी- नहीं, रश्मि बुआ ऐसा कभी नहीं करेगी अपने बेटे के साथ.
मैं- जानता हूं, इसलिए दीदी अब तुम मेरी हेल्प करो, जो भी करना है कैसे करना है, सब आप करो अब. मैं तुम्हारा ये राज किसी को नहीं बताऊंगा.

वो बोली- अब तुम मुझे ब्लैकमेल करोगे?
मैं- नहीं, बस एक डील कर रहा हूं. ब्लैकमेल करना मुझे नहीं आता. तुम आराम से सोच लो.

फिर वो बोली- ठीक है सोच कर बताऊंगी.
उसके बाद मैंने दीदी को पकड़ लिया और उसके होंठों को चूसने लगा. उसके 34 के बूब्स को हाथों में भर कर जोर से दबाने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी.

उसके बाद मैंने उसके टॉप को उतार दिया. उसकी चूचियों पर किस किया और उसके बूब्स को पीते हुए उसको बेड पर लिटा लिया. वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी.

नीचे से राखी ने रेड ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी. मैंने अपना हाथ उसकी पैंटी में दे दिया. उसकी चूत एकदम से गीली हो चुकी थी. मैंने एक उंगली उसकी चूत में दे दी और वो जोर से आहें भरने लगी.

फिर जोश में आकर उसने भी मेरे कपड़े उतार दिये. मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को उतार दिया और हम दोनों पूरे नंगे हो गये. उसने मेरा लंड हाथ में ले लिया और हिलाने लगी. मैंने उसकी चूत में उंगली दे दी और चोदने लगा.

मैंने दीदी को लंड चूसने के लिए कहा.
वो कहने लगी- बहुत बड़ा है, पूरा मुंह में नहीं आयेगा. मैं पूरा नहीं ले सकती.
फिर मैंने उसके मुंह को खुलवाया और अपना लौड़ा उसके मुंह में दे दिया. वो धीरे धीरे मेरे लंड को चूसने लगी.

दीदी के मुंह में लंड देकर चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था. वो लंड चूसने में पूरी एक्सपर्ट थी. फिर हम 69 की पोजीशन में आ गये और मैंने दीदी की चूत पर मुंह लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा. थोड़ी ही देर में दीदी की चूत का पानी निकल गया.

फिर मैंने उसको बेड पर लिटाया और अपना मोटा लंड उसकी चूत पर लगा दिया. फिर मैंने थोड़ा जोर लगा कर अपना लंड उसकी चूत में दे दिया. उसकी चीख निकल गयी.

उसी वक्त मैंने दीदी के होंठों को चूसना शुरू कर दिया. उसकी आवाज दब गयी और मैंने दीदी की चुदाई की स्पीड तेज कर दी. उसके बाद राखी को भी मजा आने लगा और वो मजे से चुदवाने लगी.

फिर वो मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड पर बैठ कर चुदने लगी. इस पोजीशन में मुझे दर्द हो रहा था. मगर दीदी को बहुत मजा आ रहा था. थोड़ी देर ऐसे ही चुदने के बाद मैंने दीदी को कुतिया बना दिया.

मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड दे दिया. तेजी से उसकी चूत को पेलने लगा और गाली देते हुए बोला- साली तू मेरी रखैल बन जा. मैं तुझे बहुत मजा दूंगा.

वो बोली- मादरचोद, अपनी मां को रखैल बना ले तू. साले कुत्ते … जोर से चोद … फाड़ मेरी चूत को हरामी की औलाद. चोद दे आह्ह … और जोर से चोद साले।

मुझे भी फुल जोश आ गया और मैं उसकी चूत को जोर से पेलने लगा. दीदी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.

अब मेरा भी पानी निकलने वाला था. मैंने एक जोर का झटका मार कर लंड पूरा अंदर घुसा दिया और मेरे लंड से वीर्य छूट पड़ा. मैंने सारा वीर्य दीदी की चूत में भर दिया.
उसने फिर मुझे अपने से अलग किया और बोली- साले कुत्ते, ये पानी मेरी चूत में क्यों निकाल दिया?

गाली देते हुए मैंने कहा- कोई बात नहीं साली रंडी. मैं तेरे लिए गोली ला दूंगा. गोली खा लेगी तो कुछ नहीं होगा तुझे रांड।
उसके बाद हमने उस दिन दो बार और चुदाई की.

बस फिर तो ये सेक्सी ममेरी बहन की चुदाई का सिलसिला रोज ही चलने लगा. मेरा लंड लेने के बाद अब वो मेरे साथ हर एक बात शेयर करती थी. वो चुद चुद कर खुश रहने लगी थी. मगर मैं खुश नहीं था.

अभी तक मुझे कोई ऐसा रास्ता नहीं दिख रहा था कि मैं मॉम की चूत तक पहुंच पाऊं. मैंने दीदी को इस बारे में फिर बोला. वो कहने लगी कि मैं कुछ सोचती हूं. उसके बाद उसने क्या प्लान किया और मैं अपनी मॉम की चुदाई कैसे कर पाया? ये सब बातें मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगा.

यह ब्रदर सिस्टर सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी आप इसके बारे में मुझे बतायें. मुझे यह भी बतायें कि मेरी मां की ओर मेरा आकर्षण कहां तक सही है? सेक्सी ममेरी बहन की चुदाई पर मुझे आप लोगों के सुझावों का इंतजार रहेगा.